अपनी मांग पर अड़े रहे वकील
प्रयागराज (राजेश सिंह)। जस्टिस यशवंत वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट करने के सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की सिफारिश के खिलाफ हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के आह्वान पर अधिवक्ता दूसरे दिन बुधवार को भी हड़ताल पर रहे। हाईकोर्ट गेट नंबर तीन के पास मंच लगाकर अधिवक्ताओं ने जस्टिस वर्मा के मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और इलाहाबाद हाईकोर्ट में किए गए तबादले को रद्द करने की मांग की।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के घर बोरे में नकदी मिलने के बाद दिल्ली से इलाहाबाद हाईकोर्ट स्थानांतरण से खफा वकील मंगलवार से न्यायिक कार्य से विरत चल रहे हैं। दूसरे दिन बुधवार को भी अधिवक्ताओं का आंदोलन जारी रहा। इस दाैरान एसोसिएशन ने बुधवार से फोटो एफिडेविट सेंटर पर भी तालाबंदी कर दी। कार्यकारिणी की बैठक में आंदोलन को धार देने के लिए बार एसोसिएशन ने टीमों का गठन किया है।
दिल्ली के बंगले में बेहिसाब नगदी मिलने के बाद सुर्खियों में आए न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को दोबारा इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजने की सुप्रीम कोर्ट काॅलेजियम की सिफारिश को लेकर वकीलों में आक्रोश है। इसे लेकर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का एलान किया गया है। मंगलवार से कार्य से विरत रहे अधिवक्ताओं ने दूसरे दिन बुधवार को हाईकोर्ट के मुख्य द्वार पर आमसभा की।
अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे जस्टिस वर्मा का इलाहाबाद हाईकोर्ट में तबादला किसी भी हालत में स्वीकार नहीं है। यह तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट की गरिमा पर कुठाराघात है। भ्रष्टाचार का सामना कर रहे किसी न्यायाधीश को उसके पैतृक न्यायालय में भेजने का फैसला उन्हें पुरस्कृत करने जैसा है। आमसभा का संचालन सचिव विक्रांत पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर पूर्व महासचिव बीर सिंह, डॉ. सीपी उपाध्याय, पंकज कुमार उपाध्याय, शशि प्रकाश सिंह, प्रशांत सिंह, विष्णु पांडेय, आशुतोष त्रिपाठी आदि ने संबोधित किया।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के तबादले के खिलाफ हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के आंदोलन समर्थन में कैट बार एसोसिएशन ने भी बुधवार को न्यायिक कार्य नहीं किया। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) बार एसोसिएशन के सचिव जितेंद्र नायक ने बताया कि आम सभा में इसका निर्णय लिया गया है।