धार्मिक शास्त्रों में कहा गया है कि हनुमान जी की सेवा करने और व्रत रखने से भक्तों पर उनकी विशेष कृपा बनी रहती है। ऐसे में आज हम आपको मंगलवार की व्रत कथा और पूजन विधि के बारे में बताने जा रहे हैं...
मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है। हनुमान जी पराक्रम, बल, सेवा और भक्ति के आदर्श देवता माने जाते हैं। इसी वजह से हनुमान जी को सकलगुणनिधान भी कहा गया है। हनुमान जी इकलौते ऐसे देवता हैं, जो हर युग में किसी न किसी रूप और गुणों के साथ जगत के लिए संकटमोचन बनकर मौजूद रहते हैं। धार्मिक शास्त्रों में कहा गया है कि हनुमान जी की सेवा करने और व्रत रखने से भक्तों पर उनकी विशेष कृपा बनी रहती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको मंगलवार की व्रत कथा और पूजन विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।
हनुमानजी का व्रत करने का लाभ
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हनुमान जी का व्रत करने से कुंडली में मौजूद सभी ग्रह शांत होते हैं। साथ ही जातक को हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। संकटमोचन हनुमान जी अपने भक्तों पर आने वाले हर संकट को दूर करते हैं। वहीं संतान प्राप्ति के लिए हनुमान जी का व्रत फलदायी माना जाता है। साथ ही इस व्रत को करने से भूत-प्रेत और काली शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता है। वहीं इस व्रत को करने से सम्मान, साहस और पुरुषार्थ बढ़ता है।
मंगलवार व्रत कथा
एक समय की बात है जब एक ब्राह्मण दंपत्ति प्रेमभाव से रहते थे। लेकिन उनकी कोई संतान नहीं थी, जिस कारण वह दुखी रहते थे। हर मंगलवार के वन जाकर ब्राह्मण हनुमानजी की पूजा करने जाता था और संतान की कामना करता था। ब्राह्मण की पत्नी भी हनुमानजी की बड़ी भक्त थी और मंगलवार का व्रत करती थीं। वह हमेशा मंगलवार को पवनपुत्र हनुमान को भोग लगाकर ही भोजन करती थीं। लेकिन एक बार वह ब्राह्मणी भोजन नहीं बना पाई और इस वजह से हनुमान जी को भी भोग नहीं लग सका। तब महिला ने प्रण किया कि वह अगले मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करेगी। इस तरह से वह 6 दिन तक भूखी-प्यासी रही और मंगलवार के व्रत के दिन बेहोश हो गई।
उस ब्राह्मणी की लगन और निष्ठा को देखकर पवनपुत्र हनुमान जी काफी प्रसन्न हुए। हनुमान जी ने उस महिला को एक संतान दी और कहा कि यह तुम्हारी सेवा करेगा। संतान पाकर ब्राह्मणी बहुत प्रसन्न हो गई और उस बालक का नाम मंगल रखा। जब कुछ समय बाद ब्राह्मण घर आया तो उसे बच्चे की आवाज सुनाई दी। जिसके बाद उसने अपनी पत्नी से पूछा कि यह बालक कौन है। तब उसकी पत्नी ने बताया कि हनुमान जी के व्रत के प्रभाव से यह संतान प्राप्त हुई है। लेकिन ब्राह्मण को पत्नी की बात पर यकीन नहीं हुआ और एक दिन उसने मौका देखकर बच्चे के कुएं में गिरा दिया।
जब ब्राह्मणी घर वापस आई तो उसने बेटे मंगल के बारे में पूछा। तभी मंगल भी पीछे से मुस्कुराकर आ गया। जिसको देखकर ब्राह्मण आश्चर्यचकित रह गया। फिर उसी रात ब्राह्मण को हनुमान जी ने दर्शन दिए और बताया कि यह तुम्हारी संतान है। ब्राह्मण यह सुनकर काफी खुश हुआ। जिसके बाद से ब्राह्मण दंपत्ति हर मंगलवार को व्रत रखने लगे। धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक जो भी व्यक्ति मंगलवार व्रत कथा पढ़ता या सुनता है, तो उसको हनुमान जी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होती है। साथ ही जातक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।