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शिव गंगा एक्सप्रेस में मोदी के बारे में जनता ने सुनाई अपने मन की बात

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आरम्भ में मैं सोच रहा था कि रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के तमाम इंतजामों के बावजूद ऐसी बोगी में इतनी बड़ी संख्या में बेटिकट यात्री कैसे चढ़ गये? लेकिन जल्द ही टिकट वाले और बेटिकट यात्रियों के बीच जो संवाद शुरू हुआ मैं उसका आनंद लेने के साथ-साथ उसे नोट भी करने लगा...

महाशिवरात्रि पर्व से एक दिन पहले दिल्ली से वाराणसी की यात्रा के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से जब शिव गंगा एक्सप्रेस में चढ़ा तब पता नहीं था कि अगले कुछ घंटों में मुझे वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर जनता के मन की बात विस्तार से पता चलेगी। दरअसल, अक्सर हमें जनता के मन की बात जानने के लिए गलियों, मोहल्लों, कस्बों और शहरों में जाना पड़ता है लेकिन शिव गंगा एक्सप्रेस में विचारों की जिस धारा को मैंने बहते देखा उसे इस लेख के माध्यम से आपके समक्ष रख रहा हूँ।

शुरू में मैं सोच रहा था कि रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के तमाम इंतजामों के बावजूद ऐसी बोगी में इतनी बड़ी संख्या में बेटिकट यात्री कैसे चढ़ गये? लेकिन जल्द ही टिकट वाले और बेटिकट यात्रियों के बीच जो संवाद शुरू हुआ मैं उसका आनंद लेने के साथ-साथ उसे नोट भी करने लगा। यह सही है कि एक ट्रेन की कुछ बोगियों के यात्रियों के विचार को पूरे देश का जनमत नहीं माना जा सकता लेकिन जिस तरह विभिन्न राज्यों के यात्रियों के समान विचार दिखे उससे ऐसा प्रतीत हुआ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जबरदस्त जन समर्थन प्राप्त है और उत्तर प्रदेश की जनता खासतौर पर इस बात के लिए ग्लानि महसूस कर रही है कि उसने भाजपा की सीटें लोकसभा चुनावों में कम करवा दीं।

मेरे सामने वाली बर्थ पर एक परिवार जोकि काशी का ही रहने वाला था, वह दिल्ली में एक विवाह समारोह में शामिल होने के बाद वापस लौट रहा था। उसमें मौजूद एक बुजुर्ग दंपति सभी बेटिकट यात्रियों से सहानुभूति दर्शा रहे थे और इस बात की सराहना कर रहे थे कि किसी भी कीमत पर लोग महाकुम्भ में जा रहे हैं। जब मैंने उनसे पूछा कि आप लोग संगम में स्नान करके आये या नहीं तो उन्होंने कहा कि हम तो दो बार हो आये, व्यवस्था बहुत अच्छी थी। बुजुर्ग महिला ने अपने पति की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह तो व्यवस्थाओं से बेहद प्रसन्न थे इसलिए मैंने उन्हें इस बात के लिए खूब सुनाया कि मोदी योगी इतना अच्छा काम कर रहे हैं फिर भी आपने लोकसभा चुनावों में भाजपा को वोट नहीं दिया। जब मैंने बुजुर्ग व्यक्ति से पूछा कि काका आपने मोदी जी को क्यों वोट नहीं दिया? क्या उन्होंने काशी के सांसद के नाते अच्छा काम नहीं किया? इस सवाल पर बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा कि ऐसा नहीं है। मोदी जी शानदार काम किये हैं। वह तो बस हमारे गांव के लोग नाराज थे तो हम भी नाराज हो गये और भाजपा को वोट नहीं दिये। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे गांव को भाजपा वाले अपना वोट बैंक मानते हैं इसलिए प्रचार के दौरान आये भी नहीं। यह बात सुनते ही मुझे लोकसभा चुनावों के दौरान का वह दृश्य याद आ गया जब काशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव कार्यालय में एक व्यक्ति सभी से चिल्ला चिल्ला कर आग्रह करते रहते थे कि यहां मत बैठिये, जनता के बीच जाइये लेकिन कोई वहां से हिलता ही नहीं था। प्रधानमंत्री के चुनाव कार्यालय में बस पार्टी पदाधिकारियों की बैठकें होती रहती थीं, देशभर से आये भाजपा नेता और कार्यकर्ता देश के चुनाव परिदृश्य पर चर्चा करते रहते थे लेकिन कोई भीषण गर्मी में बाहर निकल कर चुनाव प्रचार के लिए नहीं जाता था।

खैर, वापस शिव गंगा एक्सप्रेस में अपनी बोगी में आता हूँ और जनता से हो रहे संवाद की चर्चा करता हूँ। एक बेटिकट महिला यात्री जोकि दिल्ली से ही थीं, उन्होंने कहा कि मोदी जी ने पूरे देश का माहौल बदल दिया है। जब मैंने पूछा कि कैसे बदल दिया है माहौल? तो उन्होंने कहा कि महाकुम्भ में शामिल होने के लिए जिस तरह देशभर के लोग आ रहे हैं वह दर्शा रहा है कि सनातन की पताका एक बार फिर भारत में फहरा रही है। जब मैंने कहा कि महाकुम्भ पहली बार तो आयोजित नहीं हो रहा है तो इस पर उन्होंने कहा कि पहले इसमें जन भागीदारी के लिए सरकार की ओर से प्रयास नहीं होते थे लेकिन इस बार ऐसा हुआ। उन्होंने कहा कि हम अपने छात्र जीवन के दौरान देखते थे कि युवाओं में ऐसी टी-शर्ट या कपड़े पहनने की होड़ होती थी जिसमें पश्चिमी देशों के ध्वज या वहां के मशहूर ब्रांड्स आदि के नाम लिखे होते थे लेकिन आज के युवा जिस तरह भगवा कपड़े पहनने पर गर्वित हो रहे हैं, महाकाल लिखी टी-शर्ट पहन रहे हैं, हाथ में कलावा पहनना चाहते हैं, माथे पर तिलक लगा कर घर से निकलना चाहते हैं, यह बदलाव नहीं तो और क्या है? उन्होंने कहा कि पहले घर में भजन सिर्फ बुजुर्ग सुनते थे और अक्सर बच्चे भजन हटा कर फिल्मी गाना लगा दिया करते थे लेकिन आज बच्चे भी भजन सुनते हैं और बुजुर्ग भी। उन्होंने कहा कि इससे बच्चे संस्कारवान बन रहे हैं जोकि उनके कॅरियर निर्माण में भी सहायक हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम जो बात बच्चों को समझाते समझाते थक गये थे उसे मोदी और योगी ने अपने आचरण के जरिये बच्चों को भलीभांति समझा दिया।

एक अन्य महिला ने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ हाल के दिनों में कार्रवाई की उसे रोकना नहीं चाहिए। वह महिला हरियाणा से थीं, उनका एक पूरा समूह प्रयागराज जा रहा था। उस समूह ने कहा कि हमने लोकसभा चुनावों में भाजपा को वोट नहीं दिया था क्योंकि हमें लगा था कि कांग्रेस के घोषणापत्र में ज्यादा अच्छे वादे किये गये हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन लोकसभा चुनावों में भाजपा की सीटें घटने के बाद भ्रष्टाचारियों के खिलाफ छापेमारी रुकने पर हमें इस बात का दुख हुआ कि देश में जो एक अच्छा काम हो रहा था उसमें हमने बाधा उत्पन्न कर दी। इस समूह ने यह भी कहा कि हमने हरियाणा विधानसभा चुनावों में भाजपा को वोट इसलिए भी दिया क्योंकि हमें पश्चाताप करना था और अपने राज्य में फिर से पर्ची खर्ची सिस्टम को लागू होने से रोकना था। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे हरियाणा विधानसभा चुनावों के समय कांग्रेस नेता खुल कर नौकरियों की सौदेबाजी वाले बयान दे रहे थे।

सबसे हैरान करने वाली टिप्पणी एक दक्षिण भारतीय दंपति की रही। यह दंपति दिल्ली में पढ़ाई कर रहे अपने बच्चों को लेकर प्रयागराज जा रहा था। उनका वहां से काशी जाने का भी कार्यक्रम था। उन्होंने बताया कि इस साल के शुरू में उन्होंने जब अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर में दर्शन किये तो उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में ज्यादातर बड़े लोगों की ही भागीदारी रही। उन्होंने कहा कि आम जन अपने घर पर ही उस दिन पूजा करता रहा इसलिए जब वह वोट डालने गया तो उस दिन उसके दिमाग में राम मंदिर का ख्याल नहीं आया। उन्होंने कहा कि हमारे यहां से जो लोग राम मंदिर के दर्शन कर लौटे हैं उनके हृदय में प्रधानमंत्री मोदी के लिए सम्मान बढ़ गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को मंदिर परिसर में एक संग्रहालय भी बनाना चाहिए जिसमें यह भी दर्शाया जाये कि कैसे वर्षों तक रामलला टेंट में रहे। उन्होंने कहा कि ऐसा होने से आने वाली पीढ़ी को यह पता चलता रहेगा कि किसने मंदिर तोड़ा और किसने बनवाया। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट दक्षिण भारतीय व्यक्ति ने कहा कि राम मंदिर का जो इफेक्ट 2024 के लोकसभा चुनावों में नहीं हुआ वह आने वाले समय में पक्का होगा क्योंकि तब तक और बड़ी संख्या में लोग रामलला के दर्शन कर चुके होंगे।

साथ वाले डब्बे में टॉयलेट के पास बैठे युवकों के एक समूह से जब मैंने यह जानने का प्रयास किया कि आखिर महाकुम्भ में जाना क्यों इतना जरूरी हो गया है कि बिना टिकट यात्रा का रिस्क भी उठा लिया? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हम यह मौका नहीं चूकना चाहते क्योंकि अब ये पल 144 साल बाद आयेगा। समूह में शामिल युवकों ने कहा कि हम गलत तरीके से यात्रा भले कर रहे हैं लेकिन किसी के लिए भी परेशानी नहीं खड़ी कर रहे। जब मैंने देखा कि युवकों की यह टोली अंताक्षरी खेल रही थी और उसमें फिल्मी गानों की जगह भजन गा रही थी तो उन्होंने बताया कि हम ऐसा बहुत समय से कर रहे हैं और अब यही लेटेस्ट फैशन है। उन युवकों ने दिखाया कि उनके मोबाइल की रिंग टोन भी महाकुम्भ का थीम सॉन्ग है। उन्होंने कहा कि आज के युवा फिल्मी सितारों के स्टाइल को कॉपी नहीं करते बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्टाइल को कॉपी करते हैं। उन्होंने कहा कि हर कोई उसी तरह फोटो खिंचवाना चाहता है जैसा प्रधानमंत्री मोदी किसी धार्मिक स्थल पर खिंचवाते हैं।

एक अन्य महिला से मैंने यह जानने का प्रयास किया कि मोदी सरकार जो बजट लाई उसे आप कैसे देखती हैं और यदि देश में आज चुनाव हुए तो आपके हिसाब से कौन सत्ता में आयेगा? इसके जवाब में उन्होंने तपाक से कहा कि बजट को मैंने नहीं देखा लेकिन मैं यह जानती हूँ कि महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्तिकरण हुआ है और यही बात हमारे लिये मायने रखती है। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं जब पोलिंग बूथ पर जाती हैं तो ईवीएम में कमल के फूल को ढूँढ़ती हैं क्योंकि उन्हें किसी प्रत्याशी से नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी से ही मतलब होता है। उन्होंने कहा कि लेकिन विपक्ष को यह बात समझ नहीं आती इसलिए वह ईवीएम में खामियां ढूँढ़ता रहता है। उन्होंने कहा कि देश की जनता देख रही है कि कांग्रेस पूरी तरह से परिवारवाद में लिप्त है और वहां परिवारवाद भी कुछ खास परिवारों का ही चलने दिया जाता है। उन्होंने मुझसे ही सवाल पूछ लिया कि आप ही बताइये कांग्रेस में ऐसा कौन-सा दूसरा परिवार है जिसके तीन सदस्य संसद में हों? उन्होंने कहा कि कांग्रेस में सिर्फ एक ही बड़ी महिला नेत्री हाल में उभर कर आई हैं जिनका नाम प्रियंका वाड्रा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कोई बड़ी महिला नेता हैं ही नहीं जबकि मोदी जी ने एक आदिवासी महिला को देश की राष्ट्रपति बनाया और दिल्ली में एक साधारण परिवार की महिला को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंप दी। उन्होंने कहा कि ऐसे कदमों से जनता के बीच यह संदेश जाता है कि आम और साधारण परिवार की महिलाएं भी शीर्ष स्तर तक पहुँच सकती हैं। उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनावों तक महिला आरक्षण विधेयक भी पूरी तरह से लागू हो जायेगा जिससे आने वाली लोकसभा में काफी महिलाएं होंगी। उन्होंने एक बड़ी बात कहते हुए यहां तक कह दिया कि जैसे महिलाओं के मन में पति के अलावा कोई अन्य व्यक्ति नहीं होता उसी तरह चुनावों के दौरान नेता के रूप में मोदी के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होता।

बहरहाल, चर्चा का यह दौर काफी देर तक चला। इस दौरान यह साफ प्रतीत हो रहा था कि विपक्ष भले तमाम मुद्दों को उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने का प्रयास करता रहे लेकिन जनता सब जानती और समझती है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अब तक के 11 साल के शासन में जनता के मन पर अमिट छाप छोड़ी है जो लोगों से बात कर स्पष्टतः महसूस की जा सकती है। लोगों से बात कर यह भी महसूस हुआ कि ऐसी बड़ी संख्या भी लोगों की है जिन्हें मोदी के काम का महत्व बाद में समझ आता है इसलिए हो सकता है कि सरकार के कई अन्य कार्यों का लाभ भाजपा को भविष्य में होने वाले चुनावों में मिले।

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