प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती की अध्यक्षता और न्यायमूर्ति अशोक गुप्त के उपस्थिति में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. के. बी. पाण्डेय एव विशिष्ट अतिथि डा0 आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप जी रहे। जिसमे शंकराचार्य ने सनातन, प्रयाग, साहित्य और हमारी ज्ञान परंपरा पर विस्तार से चर्चा की। मुख्य अतिथि ने साहित्य कार की भूमिका के विविध पहलू और सांस्कृतिक विरासत को रेखांकित किया। विशिष्ट अतिथि ने हमारे समय मे परिवर्तित हो रही मूल्य संरचना और उभरती चुनौतियों में साहित्य और समाज मे संवाद की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम की गरिमापूर्ण संचालन भारती परिषद के महामंत्री शीलधर मिश्र ने किया। इस अवसर पर कृतियों के संपादक त्रय डा0 अंशुल (यश सिन्धु), डा0 पूर्णिमा मालवीय (सौष्ठव पूजन ग्रंथ), डा0 रेणु मिश्र (प्रयाग की कवयित्रियां) ने भी अपने उद्गार व्यक्त किए। भारती परिषद ने अपनी अस्मिता का सम्यक निर्वहन करते हुए साहित्य, संकृति और भारत विद्या के मर्मज्ञ करीब सौ मनीषी को प्रमाण पत्र अंगवस्त्रम के साथ सम्मानित भी किया गया। उक्त आशय की जानकारी दुकानजी ने दिया।