नई दिल्ली। भारत इस साल अक्टूबर में दो मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए 12 साल के अंतराल के बाद वेस्टइंडीज की मेजबानी करेगा, जबकि दक्षिण अफ्रीका की टीम नवंबर में सभी प्रारूपों के दौरे के लिए आएगी। दक्षिण अफ्रीकी टीम लखनऊ में एक टी-20 भी खेलेगी।
बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि भारत दो अक्टूबर से मोहाली में पहले टेस्ट में और 10 अक्टूबर से दूसरे टेस्ट में कोलकाता में वेस्टइंडीज से भिड़ेगा। वेस्टइंडीज ने 2013-14 में आखिरी बार भारत में टेस्ट सीरीज खेली थी। वह सचिन तेंदुलकर का अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच था। कैरेबियाई टीम का भारत का पिछला दौरा 2022 में तीन वनडे और इतने ही टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए हुआ था।
दक्षिण अफ्रीका का दमदार दौरा
वेस्टइंडीज सीरीज के बाद दक्षिण अफ्रीकी टीम दो टेस्ट, तीन वनडे और पांच टी-20 मैचों के लिए भारत आएगी। टी-20 सीरीज से दोनों टीमों को अगले वर्ष भारत में होने वाले टी-20 विश्व कप की तैयारी का मौका मिलेगा। पहला टेस्ट दिल्ली में तो दूसरा टेस्ट गुवाहाटी में होगा। यह गुवाहाटी का पहला टेस्ट होगा। मालूम हो कि वर्तमान में बीसीसीआई के सचिव पद पर देवाजीत सैकिया विराजमान हैं। टेस्ट मैचों के बाद पहला वनडे 30 नवंबर को रांची में, दूसरा वनडे तीन दिसंबर को रायपुर में और अंतिम वनडे छह दिसंबर को विशाखापत्तनम में खेला जाएगा।
पहला टी-20 नौ दिसंबर को खेला जाएगा, इसके बाद 11, 14, 17 और 19 दिसंबर को मैच होंगे। इसमें से एक मैच लखनऊ में खेला जाएगा।
महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी
भारत इस साल सितंबर में आईसीसी महिला वनडे विश्व कप की मेजबानी करेगा। राजीव शुक्ला ने कहा कि विश्व कप की तारीखें अभी तय नहीं हुई हैं लेकिन विशाखापत्तनम में पहला मैच खेला जाएगा। गुवाहाटी, मुल्लांपुर (पंजाब), तिरुअनंतपुरम और इंदौर में भी इसके मैच खेले जाएंगे। फाइनल के लिए स्थान अभी तय नहीं हुआ है।
डब्ल्यूटीसी के प्रस्तावित पुनर्गठन पर निर्णय लेगी क्रिकेट समिति
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के चेयरमैन जय शाह ने शनिवार को पुष्टि की कि सौरव गांगुली की अगुआई वाली क्रिकेट समिति अगले महीने 2025-27 चक्र के लिए विश्व टेस्ट चौंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के प्रस्तावित पुनर्गठन पर अंतिम फैसला लेगी। इस 16 सदस्यीय क्रिकेट समिति का नेतृत्व पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली कर रहे हैं और इसमें पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण, डेनियल विटोरी, महेला जयवर्धने और शान पोलाक जैसे खिलाड़ी शामिल हैं।
शाह ने कहा कि कुछ प्रस्ताव आए हैं, लेकिन मुझे उनके बारे में पूरी जानकारी नहीं है। क्रिकेट समिति निर्णय लेगी। आइसीसी कथित तौर पर दो पूर्ण चक्रों पर प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद डब्ल्यूटीसी अंक प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव पर विचार कर रहा है। प्रस्तावों में बड़े अंतर से जीत और विदेशी सरजमीं पर जीत के लिए बोनस अंक प्रणाली शामिल है।
आईसीसी बोर्ड अपनी अप्रैल की बैठक में इन संशोधनों पर विचार-विमर्श करेगा। मौजूदा प्रणाली के तहत टीमें जीत के लिए 12 अंक (चाहे जीत का अंतर कुछ भी हो), टाई के लिए छह अंक और ड्रॉ के लिए चार अंक अर्जित करती हैं। आलोचकों का तर्क है कि यह प्रारूप प्रभावशाली प्रदर्शन को पर्याप्त रूप से पुरस्कृत नहीं करता है। संशोधित प्रणाली में जीत के अंतर और विरोधियों की ताकत को ध्यान में रखने की उम्मीद है।
आईसीसी टीमों बड़ी जीत के लिए अतिरिक्त अंक देने की संभावना तलाश रहा है। इसके साथ ही दो-स्तरीय टेस्ट प्रणाली पर लंबे समय से चली आ रही बहस के फिर से जोर पकड़ने की उम्मीद है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया इसका पुरजोर समर्थन कर रहा है। इस प्रणाली के समर्थकों का तर्क है कि इससे प्रतिस्पर्धा का स्तर बढ़ेगा लेकिन इसमें निचली रैंक वाली टीमों को उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के अवसर सीमित हो सकते हैं। मौजूदा चक्र के डब्ल्यूटीसी फाइनल में 11 जून को दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया का आमना-सामना होना तय है।
दलीप ट्रॉफी को लेकर अहम फैसला
बीसीसीआई की शीर्ष परिषद ने शनिवार को दलीप ट्रॉफी के लिए पारंपरिक अंतर-क्षेत्रीय प्रारूप को फिर से शुरू करने का फैसला किया जिसमें प्रथम श्रेणी स्तर के टूर्नामेंट में छह टीमों के बीच मुकाबला होगा। अजीत अगरकर की अगुआई वाली राष्ट्रीय चयन समिति ने पिछले साल रणजी ट्राफी (38 टीम) में खिलाड़ियों के प्रदर्शन के आधार पर चार टीमों ए, बी, सी और डी का चयन किया था जिसने चौलेंजर ट्रॉफी प्रारूप में प्रतिस्पर्धा की थी।
अब चार टीमों के प्रारूप की जगह उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, मध्य और उत्तर-पूर्व क्षेत्र दलीप ट्फी खिताब के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। दलीप ट्रॉफी अंतर-क्षेत्रीय प्रथम श्रेणी प्रतियोगिता के तौर पर 1961-62 से 2014-15 तक खेला गया था। पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने 2015 में एनसीए के प्रमुख के रूप में पदभार संभाला, तो उन्होंने दलीप ट्रॉफी को चौलेंजर ट्रॉफी प्रारूप में आयोजित करने का सुझाव दिया, जहां राष्ट्रीय चयनकर्ता इंडिया ब्लू, रेड, ग्रीन टीमों का चयन करते थे।
इस प्रारूप को 2019 सत्र तक जारी रखा गया था। कोविड महामारी के कारण दलीप ट्रॉफी 2020 और 2021 सत्र में आयोजित नहीं की गई। इससे पहले 2022 और 2023 में क्षेत्रीय मीट के तौर पर इस घरेलू प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। पिछले साल (2024) एक बार फिर से इसके प्रारूप में बदलाव किया गया और राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने टीमों का चयन किया था। समझा जाता है कि खिलाड़ियों के विशाल पूल पर नजर रखने और सभी राज्य टीमों के प्रदर्शन करने वाले खिलाड़िययों को खुद को साबित करने का ज्यादा मौका देने के लिए बोर्ड ने पारंपरिक प्रारूप में वापसी की है।
हर क्षेत्र की अपनी चयन समिति
इसका मतलब है कि हर क्षेत्र की एक बार फिर अपनी चयन समिति होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सभी पांच क्षेत्र (उत्तर पूर्व को छोड़कर, जिसके पास कोई राष्ट्रीय चयनकर्ता नहीं है) के राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को उनकी क्षेत्रीय चयन समितियों का स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाया जाता है या नहीं।
सीमित ओवरों की राष्ट्रीय प्रतियोगिता की स्पर्धाओं के लिए एलीट और प्लेट ग्रुप प्रणाली
राष्ट्रीय सफेद गेंद टूर्नामेंट भी एलीट और प्लेट प्रणाली में खेले जाएंगे। इससे पहले सत्र में 38 पुरुष टीमें, 37 महिला टीमें (सेना को छोड़कर) और 36 आयु वर्ग की टीमें (रेलवे और सेना को छोड़कर) मिश्रित प्रारूप में प्रतिस्पर्धा करती थीं। आगामी सत्र (2025-26) से, सैयद मुश्ताक अली ट्राफी और 2024-25 सत्र से विजय हजारे ट्रॉफी की छह सबसे निचली घरेलू टीमें प्लेट ग्रुप में प्रतिस्पर्धा करेंगी, जबकि अन्य टीमें एलीट ग्रुप में भाग लेंगी।
एलीट ग्रुप की सबसे निचली टीम को प्लेट में रखा जाएगा और प्लेट ग्रुप चौंपियन को एलीट ग्रुप में पदोन्नत किया जाएगा।स्कोररों को 15000 रुपये रू बीसीसीआइ यह भी चाहता है कि सभी राज्य संघ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के दौरान अपने स्कोररों को उनकी ड्यूटी के लिए प्रतिदिन 15,000 रुपये का पारिश्रमिक दें।