वृंदावन। संत प्रेमानंद तीन दिन से रात्रिकालीन पदयात्रा पर नहीं निकल रहे थे। ऐसे में देश के विभिन्न राज्यों से आ रहे श्रद्धालु मायूस हुए। बुधवार रात भी वह नहीं निकले तो दर्शन को खड़े श्रद्धालु रो पड़े। वह जाने को तैयार नहीं हुए।
गुरुवार सुबह पदयात्रा के मार्ग पर श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन के लिए पहुंच गई। श्रद्धालुओं को सड़क किनारे खड़ा देख संत प्रेमानंद कार में बैठ श्रीराधा केलिकुंज के लिए निकले तो कार से उतरकर कुछ दूरी तक पैदल चले। उनके आश्रम में भी भक्तों की बड़ी भीड़ रही।
संत प्रेमानंद महाराज का बिगड़ा स्वास्थ्य
संत प्रेमानंद का स्वास्थ्य इन दिनों ठीक नहीं चल रहा है। तीन दिन से वह रात दो बजे पदयात्रा पर भी नहीं निकल रहे हैं। श्रद्धालु रात 11 बजे से ही पदयात्रा में संत प्रेमानंद के दर्शन को सड़कों पर पहुंचकर इंतजार करते हैं। पूरे रास्ते रंगोली सजाकर नाम संकीर्तन शुरू हो जाता है।
जब भक्तों को सूचना मिली कि संत की तबीयत ठीक नहीं और वे पदयात्रा में दर्शन देने नहीं निकल सकते तो भक्तों में मायूसी छा गई थी। बुधवार रात दो बजे भी भक्तों को यही सूचना मिली। भक्तों ने हिम्मत नहीं हारी और इंतजार करते रहे।
भक्तों को देख कुछ दूर पैदल चले संत प्रेमानंद
गुरुवार सुबह पांच बजे संत प्रेमानंद कार में बैठ श्रीराधा केलिकुंज के लिए निकले तो उससे पहले ही भक्तों की भारी भीड़ दर्शन के लिए सड़क पर थी। इसे देखते ही संत प्रेमानंद कार से उतरकर भक्तों का अभिवादन करते हुए कुछ दूर पैदल ही चलकर आश्रम पहुंचे। उन्हें देख श्रद्धालुओं की आंखों से खुशी के आंसू बह चले।