वृंदावन। प्रयागराज के महाकुंभ में मॉडल से साध्वी बनकर सुर्खियां बटोरने वालीं हर्षा रिछारिया ने अब सनातनी युवकों में संस्कार रोपित करने का संकल्प लिया है। युवाओं में सनातनी मूल्य स्थापित करने के उद्देश्य से सोमवार को वृंदावन से श्सनातन युवा जोड़ोश् पदयात्रा प्रारंभ की।
पदयात्रा अलीगढ़, बुलंदशहर होते हुए 21 अप्रैल को संभल पहुंचकर संपन्न होगी। पदयात्रा में कई संत, महंत, महामंडलेश्वर व धर्माचार्यों के अलावा सैकड़ों समर्थक हैं। सोमवार सुबह ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद साध्वी हर्षा रिछारिया ने श्रीराम मंदिर में पूजन करने के बाद पदयात्रा शुरू की। हर्षा ने कहा हमारा उद्देश्य भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है। इसके लिए हमें युवाओं को जोड़ना होगा।
मुस्लिम महिला बनी आकर्षण का केंद्र
पदयात्रा में भीड़ के बीच बुर्का पहने और माथे पर टीका लगाए एक मुस्लिम महिला आकर्षण का केंद्र बन गई। अलीशा खान ने जय श्रीराम, जय महाकाल का उदघोष किया। वह श्रीकृष्ण जन्मभूमि के समीप की रहने वाली हैं। आठ महीने पहले सचिन माहौर से प्रेम विवाह किया।
मुस्लिम परिवेश में पदयात्रा में शामिल होने के सवाल पर कहा कि वह लंबे समय से संत प्रेमानंद के प्रवचन सुनती हैं। स्वजन के विरोध का प्रभाव नहीं। मुस्लिम अपनी बेटियों को घरों में कैद करके रखते हैं, कई बार विवाह हो जाता है और तलाक भी हो जाता है। सनातन धर्म में बेटी को लक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है। अब मैं मुस्लिम नहीं हूं। दो दिन पहले पदयात्रा का पोस्टर देखा तो मन में पदयात्रा में शामिल होने की इच्छा हो गई।
कल्कि धाम संभल में संपन्न होगी पदयात्रा
पदयात्रा के उद्देश्य पर हर्षा ने कहा कि वृंदावन भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण की लीलास्थली है। यहां से पदयात्रा शुरू कर कलियुग के भगवान दसवें अवतार कल्कि धाम संभल में यात्रा संपन्न होगी। अखाड़ा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष महंत हरिशंकर दास नागा ने पदयात्रा को समर्थन देने की घोषणा की है। किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी भी यात्रा में शामिल हुईं।