प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज जंक्शन से पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन तक बनाई जा रही तीसरी लाइन के तहत करछना और मेजा तहसील में रेलवे अपनी जमीन को अवैध कब्जेदारों से खाली कराएगा। उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। रेलवे की तैयारी है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में करछना से मेजा रोड तक तीसरी लाइन का कार्य पूरा कर लिया जाए।
बताया जा रहा है कि टोंस पुल संरेखण में तकरीबन 30 संरचनाओं की पहचान की गई है। इसके काश्तकारों को मुआवजे का भुगतान पहले ही दिए जाने का दावा रेलवे प्रशासन ने किया है। चर्चा है कि मुआवजा दिए जाने के बाद भी कई कब्जेदारों ने अपने निर्माण को हटाने से इंकार कर दिया है। इस वजह से रेलवे की इस महत्वपूर्ण परियोजना की गति प्रभावित हुई है।
जबकि यह प्रोजेक्ट पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्टों में शामिल है। क्योंकि तीसरी लाइन निर्माण के साथ ही इस महत्वपूर्ण रेलखंड पर ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 160 किमी तक आसानी से पहुंच जाएगी। इस रेलखंड पर दीवार बनाने का भी काम रेलवे कर रहा है। फिलहाल रेलवे प्रशासन ने सभी वैधानिक प्रक्रियाएं पूर्ण कर ली हैं।
अफसरों का कहना है कि काश्तकारों को कब्जा हटाने के लिए 29 अप्रैल 2025 तक का समय दिया गया था। अब नोटिस की समय सीमा समाप्त हो चुकी है। ऐसे में वहां किसी भी दिन रेलवे के बुलडोजर द्वारा यहां ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हो सकती है। बताया जा रहा है कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में होने वाला व्यय भी कब्जाधारकों से वसूला जाएगा।