जांच में प्रगति मिली असंतोषजनक
प्रयागराज (राजेश सिंह)। बेवजह कई वर्षों तक विवेचना लटकाए रखने वाले दरोगाओं के खिलाफ कड़ा एक्शन हुआ है। यमुनानगर जोन के ऐसे 15 दरोगाओं की जांच के आदेश दिए गए हैं। उनकी प्रारंभिक जांच शुरू करा दी गई है। यह सभी करछना व मेजा सर्किल में स्थित अलग-अलग छह थानों में तैनात हैं। सूत्रों के मुताबिक, जिले के यमुनानगर जोन में पिछले दिनों लंबित विवेचनाओं के निस्तारण को लेकर अभियान शुरू किया गया। इस अभियान में सर्किलवार अलग-अलग थानों में लंबित विवेचनाओं की समीक्षा की गई। इसमें सबसे पहले मेजा सर्किल के मेजा, मांडा व काेरांव थाने के विवेचकों का अर्दली रूम किया गया। इसके बाद करछना सर्किल के करछना, नैनी व औद्योगिक क्षेत्र थाने में लंबित विवेचनाओं की समीक्षा की गई।
सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान चौंकाने वाली बात सामने आई। पता चला कि लंबित विवेचना वाले मुकदमों में 2024 से लेकर 2019 तक के मामले शामिल हैं। यानी छह साल पहले दर्ज कुछ मुकदमों की विवेचना भी लटकी है। जब इन विवेचकों से कारण पूछा गया तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद इन सभी की प्रारंभिक जांच फाइल खोलने के आदेश दिए गए।
छह थानों में लंबित विवेचनाओं की समीक्षा की गई। इस दौरान कारण पूछने पर 15 विवेचक ऐसे रहे जो संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उनकी प्रारंभिक जांच के आदेश दिए गए हैं। - विवेक चंद्र यादव, डीसीपी यमुनानगर
अब बारा, कौंधियारा सर्किल की बारी
सूत्रों के मुताबिक दो सर्किल में समीक्षा के बाद अब बारा व कौंधियारा सर्किल में लंबित विवेचनाओं की समीक्षा की जाएगी। इनमें घूरपूर, कौंधियारा व खीरी के अलावा बारा, शंकरगढ़ व लालापुर थाने शामिल हैं।
नंबर गेम
6 साल तक की विवेचनाएं हैं लंबित
6 थानों की अब तक हो चुकी है समीक्षा
15 विवेचकों की जांच के दिए गए हैं आदेश
विवेचना लंबित रहने के यह होते हैं नुकसान
बेवजह बढ़ती जाती है पेंडेंसी
इंसाफ का इंतजार करते रह जाते हैं वादी
आरोपी उठाते हैं लाभ