प्रयागराज (राजेश सिंह)। पुरानी मान्यताओं और परंपराओं के हिसाब से प्रयागराज में हर साल खुल्दाबाद के मुस्लिम इलाके में नागपंचमी के दिन गुड़िया के मेले का शानदार आयोजन किया जाता है। इस मेले का आयोजन सभी समुदाय के लोग बड़ी ही शिद्दत के साथ मिलकर मनाते हैं। मंगलवार की रात भी खुल्दाबाद के पास स्थित गुड़िया तालाब के पास भव्य मेले का आयोजन किया गया। जिसमें हिंदुओं के साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए और मेले का लुत्फ उठाया। इस दौरान मेले में झूले और खाने पीने की चीजों ने लोगों का जमकर मनोरंजन किया।
बहनों ने फेंकी गुड़िया, भाईयों ने पीटा
सालों से चली आ रही मान्यता के अनुसार नागपंचमी के मौके पर बहनें तालाब में गुड़िया को फेंकती है। भाई उसको पीटते हैं। इस बार भी दिन में पूजा पाठ के बाद ऐसा ही हुआ। घर से बहनें गुड़िया लेकर गुड़िया तालाब पहुंची। जहां पर उन्होंने गुड़िया को तालाब में फेंका। इसके बाद उनके भाइयों ने उसकी लकड़ी के डंडे से पिटाई की। शाम को वहां पर भव्य मेले का आयोजन किया गया। पुरानी मान्यताओं के अनुसार एक भाई शिव का परम भक्त था। नियमित रूप से मंदिर जाता था। जहां उसकी एक नाग से गहरी मित्रता हो गई। एक दिन उसकी बहन ने नाग को भाई को काटते हुए देखकर उसे पीट-पीट कर मार डाला। भाई ने जब इस बात की सच्चाई बताई कि वह नाग देवता थे, तो बहन अपनी गलती पर पश्चाताप करने लगी। तब यह तय किया गया कि आज से बहन की जगह गुड़िया को पीटा जाएगा ताकि अनजाने में हुए पाप का प्रायश्चित किया जा सके।
सावन मास की शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है पर्व
नाग पंचमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। जो प्रत्येक वर्ष सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। त्योहार का मुख्य उद्देश्य सांपों की पूजा करना होने के साथ ही उनको सम्मान देना है। नाग पंचमी के दिन लोग सांपों को सम्मान देते हैं और उनकी पूजा करते हैं। इस त्योहार के दिन पूजा करने से मनुष्य को शुद्धता और समृद्धि मिलती है। वहीं शाम को गुड़िया के मेले में भीड़ बढ़ जाती है। बच्चे मौज मस्ती कर रहे थे। कोई झूले पर झूल रहा था तो कोई अपने पसंद के खिलौने खरीद रहा था। खाने पीने के स्टॉल लगे थे।