नई दिल्ली। संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर जमकर हमला किया। पीएम मोदी ने खासकर कांग्रेस को निशाने पर लिया। चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने न सिर्फ इतिहास और पिछली कांग्रेस सरकारों का जिक्र किया, बल्कि पार्टी के भीतर मौजूदा तनाव का भी जिक्र किया।
ऑपरेशन सिंदूर की बात दुनिया के मंचों तक पहुंचाने के लिए देश की ओर से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेशों में भेजा गया था। इस डेलिगेशन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को संसद में बोलने से रोका जा रहा है और जो लोग खुद को कांग्रेस का बेटा मानते हैं, उन्हें भारत की प्रशंसा करने पर खुशी नहीं होती है। पीएम मोदी की इस टिप्पणी को शशि थरूर के संदर्भ में देखा जा रहा है, जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी का एक वर्ग असहमत है।
पीएम मोदी ने क्यों किया इस बात का जिक्र?
दरअसल, जब ऑल पार्टी डेलिगेशन के लिए सरकार की ओर से सांसदों के नाम मांगे गए तो कांग्रेस पार्टी ने शशि थरूर का नाम नहीं दिया था लेकिन सरकार की ओर से उन्हें ही भेजा गया। इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भाजपा और कांग्रेस की राजनीतिक लड़ाई और तेज हो गई। इसके पीछे एक कारण ये भी माना जा रहा है कि थरूर राजनीति में आने से पहले संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में राजनयिक के रूप में काम कर चुके हैं।
बढ़ गई कांग्रेस और थरूर के बीच खटास?
हालांकि कांग्रेस ने थरूर को डेलिगेशन में जाने से रोका नहीं लेकिन इससे उनके और पार्टी के बीच खटास और बढ़ गई, खासकर तब जब उन्होंने मामले पर सरकार की जमकर तारीफ की और कांग्रेस घेरने की कोशिश में है।
ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा में भी थरूर ने नहीं लिया हिस्सा
संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले इस बात को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही थीं कि क्या कांग्रेस उन्हें बोलने की इजाजत देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने तिरुवनंतपुरम के सांसद से पूछा था कि क्या वह बहस के दौरान बोलने में रुचि रखते हैं, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था।