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शशि प्रकाश गोयल को बनाया गया यूपी का नया मुख्य सचिव

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लखनऊ। 20 जनवरी 1967 को राजधानी लखनऊ में जन्मे एसपी गोयल 21 अगस्त 1989 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए। वे अपने बैच के टॉपर और गोल्ड मेडलिस्ट हैं। उन्होंने बीएससी आनर्स व एमसीए किया है। भारतीय विदेश व्यापार संस्थान से एक्जीक्यूटिव एमबीए इन इंटरनेशनल बिजनेस किया है। वर्ष 1990 में उनको इटावा में सहायक मजिस्ट्रेट के पद पर पहली तैनाती मिली थी। इसके बाद वह प्रदेश में विभिन्न जिलों में अलग-अलग पदों पर तैनात रहे। इटावा, देवरिया, मथुरा, प्रयागराज व अलीगढ़ के जिलाधिकारी रहे गोयल आयुक्त एनसीआर के पद पर भी रहे हैं। सपा की सरकार में वर्ष 2005 में उनको मुख्य सचिव के स्टाफ ऑफिसर के पद पर तैनात रहे। इसके बाद बसपा की मायावती सरकार में सबसे ताकतवर अफसर रहे कैबिनेट सेक्रेटरी शशांक शेखर सिंह का स्टाफ अफसर रहे हैं।

वर्ष 2014 से 2017 तक वह भारत सरकार के संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा व मानव संसाधन विकास की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के दो महीने बाद वे दिल्ली से आए और प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री हो गए। वर्ष 2020 में वह मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव बने थे। उनकी गिनती प्रदेश के श्रेष्ठ अधिकारियों में होती है।

मनोज सिंह को मंत्रियों की नाराजगी भी पड़ी भारी

मनोज कुमार सिंह के सेवा विस्तार न मिलने के कारणों में एक मुख्य कारण कई मंत्रियों की नाराजगी भी मानी जा रही है। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने भी मुख्य सचिव के खिलाफ पत्र लिखा था।

सूत्रों के अनुसार उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित कई अन्य मंत्रियों ने भी दिल्ली में शिकायत की थी। भाजपा के लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर भी मुख्य सचिव की खुलेआम विरोध करते आए हैं। उन्होंने कई घपलों के भी आरोप लगाए थे। इसके अलावा उद्योगपतियों के करोड़ों रुपये बकाया माफ करने व बड़े बिल्डर्स को फायदा पहुंचाने के आरोप लगे थे। मनोज सिंह पर अपने दफ्तर में प्राइवेट लोगों को रखकर उनके जरिए महत्वपूर्ण कामकाज कराने के आरोप भी लगे थे। हालांकि, चर्चा है कि मुख्यमंत्री मनोज कुमार सिंह को कोई अहम जिम्मेदारी दे सकते हैं।

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