नई दिल्ली। एचआईएल को बड़ा झटका लगा है। वित्तीय स्थिरता को लेकर हॉकी इंडिया के साथ हुए मतभेदों के बाद उत्तर प्रदेश की फ्रेंचाइजी यूपी रुद्रास लीग से हट गई है। इस फ्रेंजाइजी ने ये फैसला सिर्फ एक सीजन खेलने के बाद लिया है।
हॉकी इंडिया लीग यानी एचआइएल को बड़ा झटका लगा है। वित्तीय स्थिरता को लेकर हॉकी इंडिया के साथ हुए मतभेदों के बाद उत्तर प्रदेश की फ्रेंचाइजी यूपी रुद्रास लीग से हट गई है। इस फ्रेंजाइजी ने ये फैसला सिर्फ एक सीजन खेलने के बाद लिया है। वहीं बता दें कि, 24 सितंबर को इस सीजन के लिए मिनी ऑक्शन से पहले ये बड़ा फैसला लिया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, 24 सितंबर को होने वाली मिनी नीलामी से कुछ दिन पहले ही फ्रेंचाइजी ने ये फैसला लिया। जिसकी जानकारी उसने हॉकी इंडिया को दी।
बता दें कि, जेके सीमेंट्स के स्वामित्व वाली यूपी रुद्रास इस साल की शुरुआत में नए सिरे से तैयार किए गए हॉकी इंडिया लीग के पहले सीजन में पांचवें स्थान पर रही। इस टीम में कई शीर्ष भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी शामिल थे। जिनमें भारतीय हॉकी टीम के उपकप्तान हार्दिक सिंह, हाल ही में संन्यास लेने वाले फॉरवर्ड ललित उपाध्याय, इंग्लैंड के सैम वार्ड, बेल्जियम के टैंगुई कोसिंस और नीदरलैंड्स के लार्स बाल्क शामिल थे। भारत और नीदरलैंड्स के पूर्व ट्रेनर पॉल वैन ऐस यूपी रुद्रास के कोच थे।
यूपी रुद्रास के हटने से जब तक कोई रिप्लेसमेंट टीम या नया मालिक नहीं मिल जाता तब तक पुरुष टूर्नामेंट में सात टीमें रह जाएंगी। हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि सीजन शुरू होने से पहले कोई समाधान निकल आएगा।
वहीं इंडियन एक्सप्रेस के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि, रुद्रास प्रबंधन ने हॉकी इंडिया से लीग के वित्तीय अनुमानों पर स्पष्टता न मिलने के बाद इसे स्थगित कर दिया। दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 तक चलने वाले पहले सीजन में टीमों ने लगभग 14 करोड़ रुपये खर्च किए जिसमें 7 करोड़ रुपये की फ्रेंचाइजी फीस, वेतन के रूप में 4 करोड़ रुपये और संचालन लागत शामिल थी।