मानस मंदिर में नवदिवसीय मानस प्रवचन का हुआ शुभारंभ
मेजा, प्रयागराज (विमल पाण्डेय)। पांती (मेजारोड) स्थित श्री सिद्ध हनुमान मानस मंदिर में नव दिवसीय मानस सत्संग शनिवार से शुभारंभ हुआ। प्रथम दिवस जबलपुर, मध्य प्रदेश से पधारी सुश्री आस्था दीदी ने अपने कोकिलाकंठ से उपस्थित मानस प्रेमियों को मानस के प्रथम सर्ग का रसपान कराते हुए कहा कि-भगवान का नाम अमृत है और इस अमृत का पान करके जीव इस भवसागर से पार हो जाता है, इस अमृत का पान भगवान शिव ने किया, जब वेदसागर का मंथन हुआ तब ये अमृत निकला, तब भगवान शिव ने राम नाम रूपी अमृत ले लिया, उन्होंने उसका पान किया और नाम की महिमा प्रगट की।
तुम पुनि राम राम दिन राती, सादर जपहु अनंग अराती।।
इस नाम की महिमा को गणेश जी ने जाना और प्रथम पूज्य बन गए। प्रथम पूजियत नाम प्रभाऊ।
इस राम नाम की महिमा को हनुमान जी ने जाना और परमात्मा को अपने बस में कर लिया। सुमिरी पवनसुत पावन नामू, अपने बस करि राखें रामू।। सब ग्रंथों और वेदों पुराणों और श्रुतियों का सार राम नाम ही है।
इस दौरान-जगद्गुरू रामानन्दाचार्य कामदगिरि पीठाधीश्वर स्वामी रामस्वरूपाचार्य जी महाराज, चित्रकूट धाम, जगद्गुरू रामानुजाचार्य प्रयाग पीठाधीश्वर स्वामी श्रीधराचार्य जी महाराज, अलोपी बाग, प्रयागराज,
शशिभूषण दास जी महाराज, अयोध्या धाम, पं. रामगोपाल तिवारी जी ‘मानस रत्न’, बाँदा, पं. निर्मल कुमार शुक्ल ‘मानस महारथी’-महाराष्ट्र, सुश्री निशी दीदीजी ‘मानस सेविका’-हमीरपुर व डा. रामसूरत रामायणी, वाराणसी ने अपनी वाणी से लोगों को रामकथा से अभिसिंचिंत किया। कथा विश्राम के पश्चात आयोजक इंजीनियर नित्यानंद उपाध्याय ने उपस्थित श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया। श्रोता जन-पंडित गुलाबशंकर शुक्ल, पंडित देवी प्रसाद मिश्र, जटाशंकर शुक्ल, विनीत शुक्ल, रामसागर उपाध्याय, दरोगा प्रजापति, नेब्बू लाल विश्वकर्मा, सुनील पाण्डेय, पांचू उपाध्याय, मुखिया पटेल, छेदीलाल सेठ, प्रेमसागर उपाध्याय, सचिव विजयानंद उपाध्याय, आशीष उपाध्याय, मंटू मिश्रा आदि।