प्रयागराज (राजेश सिंह)। रोडवेज के संविदा चालक रावेंद्र कुमार उर्फ मुन्नू की हत्या के मामले में फरार नामजद सात आरोपितों में दो की पुलिस से लाल बिहारा कालोनी के पास गंगा कछार में रविवार देर रात मुठभेड़ हो गई। अपराधियों द्वारा की गई फायरिंग के जवाब में पुलिस ने गोली चलाई तो एक बदमाश घायल हो गया। उनके पैर में गोली लगी थी। जबकि उसका पिता अंधेरे का लाभ उठाकर भाग निकला।मौके से पुलिस ने तमंचा, कारतूस बरामद किया है। उसे स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पूछताछ में उससे उसके फरार साथियों के बारे में पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं।
पुलिस उपायुक्त नगर मनीष कुमार शांडिल्य की बाइट
धूमनगंज थानांतर्गत नीमसराय निवासी रावेंद्र कुमार उर्फ मुन्नू रोडवेज में संविदा पर चालक थे। मंगलवार दोपहर रावेंद्र मुंडेरा चुंगी पेट्रोल पंप पर बस में तेल भरवाने गए थे। वहां पहले से मौजूद हसैनन, उसके भाई नुरैन, अली, कामरान, इरफान, हुसैन, कैफ समेत अन्य हमलावर मौजूद थे। रावेंद्र को देखते ही अपशब्द कहते हुए मारपीट शुरू कर दिया था। सिर पर पत्थर मारकर उनकी हत्या कर दी थी। मामले में उक्त सातों को नामजद करते हुए कई अज्ञात के खिलाफ धूमनगंज थाने में हत्या समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस अधिकारियों ने पहले चौकी प्रभारी फिर इंस्पेक्टर धूमनगंज को निलंबित कर दिया। फरार आरोपितों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था।
हत्यारोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छह टीमों के साथ ही एसओजी को भी लगाया गया था। रविवार देर रात पुलिस को पता चला कि हत्यारोपितों में कुछ गंगा कछार के रास्ते भागने वाले हैं। खबर पाते ही पुलिस ने बताए गए स्थान पर घेराबंदी कर दी।
कुछ देर बाद दो लोगों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो वह फायरिंग करते हुए भागने लगे। पुलिस टीम ने भी फायरिंग की तो एक के पैर में गोली लगी और वह जमीन पर गिर पड़ा। पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया। उसने अपना नाम अली निवासी मरियाडीह धूमनगंज बताया। बोला कि उसके साथ पिता नूरैन था, जो भाग निकला है।पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अली के खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं।
हत्यारोपितों को उनके कई करीबियों व रिश्तेदारों ने वारदात के बाद शरण दिया था। पुलिस ने सर्विलांस टीम की मदद ली तो यह बात सच निकली थी। इसके बाद मेराज अहमद , शमशाद अहमद, उसके पुत्र सुभान अहमद निवासी मुंडेरा मंडी नीमसराय, शमीम अहमद समेत छह को गिरफ्तार किया गया था। इन सभी से हत्यारोपितों ने वारदात के पहले और बाद में मोबाइल पर बात किया था। साथ ही इनके घर भी आए थे। यही नहीं, क्षेत्र से बाहर भागने के लिए भी मदद की थी।
