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प्रयागराज के छात्रों ने वैश्विक धरोहर पांडुलिपियों का साक्षात अवलोकन किया

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प्रयागराज (राजेश सिंह)। सोमवार को राजकीय पाण्डुलिपि पुस्तकालय, प्रयागराज में विश्व धरोहर सप्ताह (19 से 25 नवम्बर, 2025) के अवसर पर ईश्वर शरण पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज , प्रयागराज से प्राचीन इतिहास विभाग के छात्र/छात्राओं ने शैक्षिक भ्रमण कर भारत की सांस्कृतिक ऐतिहासिक व कलात्मक पाण्डुलिपियों का साक्षात दर्शन किया। 

 संयोजक डॉ जमील अहमद व डॉ रागिनी राय के नेतृत्व में आये समस्त  छात्र/छात्राओं ने पांडुग्रंथों  को अति निकट से देखकर उत्साहित दिखे, छात्रों ने सर्वप्रथम मूल पाण्डुलिपियों का अवलोकन किया, अवलोकन के समय छात्रों द्वारा पांडुलिपियों की आयु एवं उनकी देख भाल से संबंधित प्रश्न पूछे  गए,तत्पश्चात् छात्र/ छात्राओं ने पाण्डुलिपि संरक्षण से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त कर पाण्डुलिपि विषयक प्रश्नोत्तर कार्यक्रम  में प्रतिभाग किया। इसके अन्तर्गत  उपस्थित छात्रों की जिज्ञासा का समाधान किया गया तथा उन्हें शोध से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी छात्रों ने विशेषतया प्रकाशित एवं अप्रकाशित पाण्डु ग्रंथों के बारे में विशेष जानकारी प्राप्त की।

 डॉ संजय कुमार,सहायक आचार्य, उर्दू विभाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज के नेतृत्व में एम. ए. के छात्रों ने भी महत्वपूर्ण पांडुलिपियों का अवलोकन किया।

प्राविधिक सहायक हरिश्चन्द्र दुबे व डॉ शाकिरा तलत ने पाण्डुलिपियों के रख-रखाव, उनके महत्व के बारे में विस्तार से बताया। पांडुलिपि अधिकारी गुलाम सरवर ने शोध छात्रों के जिज्ञासानुसार भारत में लिपियों के आधार पर लेखन कला के विकास पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की उन्होंने प्रसिद्ध लिपि ब्राह्मी, खरोष्ठी, अरबी, फ़ारसी सहित उत्तर एवं दक्षिण भारत की लिपियों के बारे में भी बताया स कार्यालय में रखी गयी असित कुमार हलदर की पेंटिंग्स, सचित्र रामचरितमानस, फारसी भाषा में लिखित रामायण एवं महाभारत, ताड़ पत्र की पाण्डुलिपि देखकर इन पांडुलिपियों की उत्पत्ति,काल , लेखन विधि, लेखन शैली आदि पर आधारित प्रश्न शोध छात्रों ने पूछा स ईश्वर शरण महाविद्यालय से पधारे असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ जमील अहमद ने उपस्थित विद्यार्थियों को विश्व धरोहर सप्ताह के महत्व को बताते हुए धरोहर संरक्षण के प्रति सभी को जागरूक किया।

मूल पांडुलिपियों के अंतर्गत ऋग्वेद,यजुर्वेद, सामवेद, विष्णु पुराण, वाल्मीकि रामायण, भगवदगीता, चरक संहिता, हरिवंश पुराण, कुमार संभवम, सम्पूर्ण महाभारत, रामचरित मानस, मुग़ल कालीन फरमान, तोगरा, अल कुरान, नल दमन,आईने अकबरी,रामायण मसीही आदि ग्रंथों का अवलोकन कर अचंभित रहे।

कार्यक्रम के अंत में आए हुए प्राध्यापकों एवं आचार्याे  को कार्यालय द्वारा मुद्रित कैटलॉग का वितरण किया गया स सभी आगंतुको के प्रति स्वागत एवं आभार प्रकट गुलाम सरवर,पाण्डुलिपि अधिकारी ने किया।

इस अवसर पर रोशन लाल, अजय कुमार मौर्य ,मो0 शफीक , अभिषेक कुमार, आनन्द कुमार आदि की उपस्थिति रही।

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