प्रयागराज (राजेश सिंह)। उत्तर प्रदेश और बिहार की ऊर्जा जरुरतों को पूरा करने के लिए बरौनी से कानपुर तक बिछाई गई इंडियन आयल कार्पाेरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) भूमिगत पाइप लाइन के आसपास की भूमि पर कब्जा कर लिया गया है।
पाइप लाइन के आसपास की जमीन पर पक्का निर्माण
प्रयागराज शहर के 10 मोहल्लों में पाइप लाइन के आसपास की जमीन पर पक्का निर्माण करा लिया गया है। आइओसीएल के उच्चाधिकारियों ने इस बाबत डीएम मनीष कुमार वर्मा से मिलकर कब्जा हटवाने की मांग की तो डीएम ने एडीएम सिटी सत्यम कुमार मिश्र को जांच के निर्देश दिए।
इस भूमि पर निर्माण आदि दंडनीय अपराध
बरौनी से कानपुर तक आइओसीएल की पाइपलाइन राष्ट्र के लिए वर्ष 1966 से सेवा दे रही है। पेट्रोलियम पाइपलाइन की संरक्षा, सुरक्षा एवं अनुरक्षण कार्य के लिए 60 फीट चौड़ी भूमि वर्ष 1964 में पेट्रोलियम और खनिज पाइप लाइन अधिनियम 1962 के तहत भारत सरकार ने अधिग्रहीत की गई है। इस भूमि पर किसी भी प्रकार का कच्चा या पक्का निर्माण एवं संरचना, भूखनन, पौधारोपण एवं खंभा लगाना अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है।
घनी आबादी वाले क्षेत्रों में है पाइप लाइन
आइओसीएल के मुख्य अनुरक्षण प्रबंधक अरुण कुमार वर्मा ने डीएम को दिए गए पत्र में अवगत कराया है कि यह पाइप लाइन प्रयागराज में घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्र गऊघाट, बलुआघाट, कटघर, दरियाबाद, हर्षवर्धन नगर, मीरापुर, सदियापुर, शास्त्री नगर, रसूलपुर व करेली मोहल्लों से होकर गुजरती है, जहां समय के साथ स्थानीय लोगों द्वारा अधिग्रहीत भूमि पर कब्जा कर लिया गया है।
पाइप लाइन की सुरक्षा खतरे में
इसके कारण इन मुहल्लों में अनुरक्षण, मरम्मत एवं निरीक्षण कार्य नहीं हो पा रहा है। इससे पाइप लाइन की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। आइओसीएल व जिला प्रशासन अधिकारियों महत्वपूर्ण बैठक के बाद नगर निगम की टीम द्वारा इन मोहल्लों के कब्जाधारकों को नोटिस जारी करा दिया गया।
कब्जा हटवाएंगे अधिकारी
नोटिस के साथ उन्हें कब्जा हटाने के लिए समय भी दिया गया मगर निर्धारित अवधि में कब्जा नहीं हट सका। अब आइओसीएल ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की टीम गठित कर कब्जा हटाने की कार्यवाही की मांग की है।