प्रयागराज (राजेश सिंह)। संगमनगरी की हवा भी दिल्ली-एनसीआर की तरह जहरीली होती जा रही है। मंगलवार को यहां का एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) ऑरेज जोन में पहुंच गया जो खराब श्रेणी में दर्ज किया जाता है।
संगमनगरी की हवा भी दिल्ली-एनसीआर की तरह जहरीली होती जा रही है। मंगलवार को यहां का एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) ऑरेज जोन में पहुंच गया जो खराब श्रेणी में दर्ज किया जाता है। झूंसी का एक्यूआई तो 393 दर्ज किया गया।
दूसरे स्थान पर सिविल लाइंस का इलाका रहा। यहां का एक्यूआई 281 दर्ज किया गया जो कि ऑरेंज जोन में आता है। इसी प्रकार एमएनएनआईटी का वायु प्रदूषण दोपहर से लेकर शाम 273 के आसपास दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विजय कुमार का कहना है कि जब तक तेज हवा नहीं चलेगी, हवा में वायु प्रदूषण बन रहेगा।
औद्योगिक इकाइयों से निकलता धुआं, सड़कों से उड़ती धूल, खुले में रखी निर्माण सामग्री, जलता कूड़ा आदि के कारण प्रयागराज का वायु प्रदूषण लगातार खराब श्रेणी में बना हुआ है। पिछले दस से जिले की हवा एक दिन भी शुद्ध नहीं रही है।
गले में खराश, दर्द और वायरल फीवर के मरीज बढ़े
वायु प्रदूषण के बीच सिर दर्द, गले में खराश और कफ बनने के मरीज अस्पतालों में बढ़ गए हैं। रक्तचाप बढ़ जाने से सिर की नशों में खून जम जाने की समस्या भी सामने आ रही है। सरकारी और निजी अस्पतालों में पहुंचने वाले ऐसे मरीजों को ठंड से बचने की सलाह चिकित्सक दे रहे हैं।
वायु गुणवत्ता के ये हैं मानक
0 से 50 वायु गुणवत्ता सूचकांक अच्छा
51 से 100 वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक
101 से 200 वायु गुणवत्ता सूचकांक मध्यम
201 से 300 वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब
301 से 400 वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब
401 से ऊपर वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर