जांच में भ्रष्टाचार की पुष्टि के बाद जिलाधिकारी ने सीज किया प्रधानों का खाता
ग्राम निधि के खाते से धन के आहरण पर भी डीएम द्वारा लगा दी गई है रोक
प्रयागराज (राजेश सिंह)। कुछ ग्राम पंचायतों में विकास के नाम पर ग्राम प्रधान व सचिवों ने सरकारी धन का बंदरबाट किया। शिकायत पर मामले की जांच हुई और पोल खुली। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद अब डीएम ने संबंधित ग्राम पंचायतों के प्रधानों के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार छीन लिए हैं। ग्राम निधि के खाते से धन के आहरण पर भी रोक लगा दी है।
बहरिया ब्लाक क्षेत्र के सरायलीलाधर गांव में विकास कार्यों के नाम पर धांधली की गई थी। गांव के दिलीप कुमार ने इसकी डीएम से शिकायत दर्ज कराई थी। इसी तरह प्रतापपुर ब्लाक के मोइद्दीनपुर के कल्लन, बरेंद के बृजेश कुमार और जसरा ब्लाक के चिल्ला गोहानी निवासी मनोज कुमार ने अपनी-अपनी ग्राम पंचायत में सरकारी धन के हेरफेर का आरोप लगाया था।
किसी ने नाली, इंटरलाकिंग, हैंडपंप आदि में अनियमितता का आरोप लगाया था तो किसी ने शौचालय की मरम्मत में मनमानी का। डीएम ने जनपद स्तरीय अधिकारियों की टीमें बनाकर इनकी जांच कराई। जांच में प्रधानों व सचिवों की ओर से किए गए खेल का राजफाश हो गया। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद अब डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कार्रवाई की है।
डीपीआरओ रविशंकर द्विवेदी ने बताया कि जिलाधिकारी की ओर से इन ग्राम पंचायतों के बैंक खाते के संचालन पर रोक लगा दी है। संबंधित ग्राम प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार छीन लिए हैं। प्रधान के साथ सचिवों को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। जवाब संतोषजनक न होने पर अन्य कार्रवाई होगी।
