प्रयागराज में 14 सूत्रीय मांगों के समर्थन में चल रहा आंदोलन
विधानसभा में मुद्दा उठाने की मांग
प्रयागराज (राजेश सिंह)। आशा कार्यकर्ताओं ने करछना विधायक पीयूष रंजन निषाद के शहर स्थित कार्यालय का घेराव किया। चाका, भगवतपुर समेत विभिन्न विकासखंड की आशा कार्यकर्ताओं ने विधायक प्रतिनिधि को अपने लंबित मानदेय व सुविधाओं को 14 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। आशाओं के मुद्दे को विधानसभा में उठाने की बात कही।
आशाा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वर्ष 2019 से उनके भुगतान और प्रोत्साहन राशि में देरी हो रही है, जिससे उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। कोविड काल से लेकर अब तक आशा कर्मियों ने स्वास्थ्य सेवाओं में अहम भूमिका निभाई, बावजूद इसके उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया।
‘सभी अभियानों में है हमारा सहयोग’
आशा कार्यकर्ता रंजना भारतीया ने बताया कि प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं आयुष्मान भारत, मातृ-शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम और टीकाकरण जैसे अभियानों में उन्होंने अग्रिम पंक्ति में काम किया। इसके बावजूद न तो समय पर भुगतान हुआ और न ही स्थायी सुविधाएं दी गईं। 6 अप्रैल 2025 को स्वास्थ्य मंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में लंबित मांगों के समाधान का आग्रह किया गया था, लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
यह है प्रमुख मांगें
आशा संगिनी कर्मियों ने 14 सूत्रीय मांग-पत्र में मानदेय बढ़ाकर सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, म्च्थ्-म्ैप् की सुविधा, ग्रेज्युटी भुगतान, 10 लाख स्वास्थ्य बीमा और 50 लाख जीवन बीमा, न्यूनतम मासिक मानदेय तय करने, यात्रा भत्ता व सुरक्षा सुविधा देने, मोबाइल-इंटरनेट खर्च का भुगतान, लंबित प्रोत्साहन राशि का एकमुश्त भुगतान, दुर्घटना में मृत कर्मियों के परिजनों को मुआवजा, बकाया भुगतान शीघ्र करने और जिलों में शिकायत निवारण समिति गठित करने की मांग की है। आशा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
