प्रयागराज (राजेश सिंह)। कल्याणी देवी स्थित चौधरी गार्डन में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन भी श्रद्धा, भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुपम दृश्य देखने को मिला। श्री बांके बिहारी परिवार एवं श्री अग्रसेन अग्रवाल समाज, प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में प्रतिदिन आयोजित हो रही इस कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होकर श्रीमद्भागवत का रसपान कर रहे हैं।
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की अनुयायी एवं सर्वश्री आशुतोष महाराज की शिष्या कथा व्यास दृ साध्वी सुश्री पद्महस्ता भारती जी के श्रीमुख से हो रही कथा में आज दूसरे दिन जीवन को दिशा देने वाले गूढ़ आध्यात्मिक विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।
कथा व्यास ने अपने उद्बोधन में कहा कि भक्ति की कोई निश्चित आयु नहीं होती। भक्ति न बाल्यकाल देखती है, न यौवन और न ही वृद्धावस्थाकृजिस क्षण मनुष्य का हृदय प्रभु की ओर झुक जाए, वही भक्ति का शुभ प्रारंभ होता है। उन्होंने बताया कि आज के समय में आवश्यकता है कि हम अपने परिवार और समाज में प्रेम, संस्कार, सद्भाव और सेवा भाव को बाँटें, जिससे सामाजिक समरसता सुदृढ़ हो सके।
कथा के दौरान ध्रुव संकल्प यात्रा का प्रसंग सुनाते हुए साध्वी जी ने बताया कि अटल संकल्प, धैर्य और गुरु कृपा से बालक ध्रुव ने अल्प आयु में ही ईश्वर की कृपा प्राप्त की। यह प्रसंग प्रत्येक व्यक्ति को अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहने की प्रेरणा देता है। साथ ही महर्षि दधीचि की महान गाथा के माध्यम से त्याग, बलिदान और राष्ट्रहित के लिए सर्वस्व अर्पण करने का संदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि दधीचि का जीवन आज भी मानवता, समाज और राष्ट्र के लिए प्रेरणास्रोत है।
कथा से पूर्व प्रातःकाल नियमित पूजा एवं आरती का आयोजन किया गया, जिसमें श्री अग्रसेन अग्रवाल समाज एवं श्री बांके बिहारी परिवार के पदाधिकारीगण नियमित रूप से सहभागिता कर रहे हैं। आज के पूजन में अग्रवाल समाज के महामंत्री अभिषेक मित्तल, युवा मंडल से तुषार गुप्ता, श्री बांके बिहारी परिवार से विवेक अग्रवाल, राजन टंडन, मनोज अग्रवाल, नेहा टंडन, मोहिनी अग्रवाल सहित अन्य श्रद्धालु सपत्नी उपस्थित रहे।
संध्या काल में आयोजित विशेष संध्या आरती में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. बृज बिहारी अग्रवाल, श्री अग्रसेन अग्रवाल समाज के वरिष्ठ एवं सक्रिय सदस्य, ने सहभागिता की। उनके द्वारा आरती सम्पन्न कराई गई। इस अवसर पर उन्होंने श्रीमद्भागवत कथा जैसे आयोजनों को समाज के नैतिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए अत्यंत आवश्यक बताया तथा आयोजकों के प्रयासों की सराहना की।
प्रतिदिन कथा के उपरांत श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया जा रहा है। श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन आगामी दिनों में भी भक्तिमय एवं अनुशासित वातावरण में जारी रहेगा।
