प्रयागराज (राजेश सिंह)। राजकीय पांडुलिपि पुस्तकालय संस्कृति विभाग प्रयागराज में गीता जयंती 2025 के अवसर पर श्री कृष्ण एवं गीता पर आधारित दुर्लभ पांडुलिपियों की चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया इस प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रो. एच. एन. दुबे,पूर्व विभागाध्यक्ष, प्राचीन इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज ने किया स इस अवसर पर उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि श्रीमद् भगवद गीता का पूरे विश्व मेंआदर है क्योंकि यह एक धर्मनिरपेक्ष ग्रंथ हैस उन्होंने यह भी बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को निमित्त बनाकर प्रत्येक मानव के लिए गीता का उपदेश किया हैं।
चौधरी महादेव प्रसाद महाविद्यालय के संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर डॉक्टर सत्य प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि श्रीमद् भागवत गीता में सभी विषय समाहित हैं इसी कारण श्रीमद् भागवत गीता का विश्व में सर्वाधिक अनुवाद मिलता है।
जगत तारन महिला महाविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर ने बताया कि परमा द्विवेदी ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद् भागवत गीता में विभिन्न योगो के बारे में बताया है, संपूर्ण 18 अध्याय में 18 योग के माध्यम से मानव जाति के कल्याण का मार्ग बताया गया है।
जगत तारन एवं सीएमपी महाविद्यालय से आए छात्र-छात्राओं ने भगवान श्री कृष्ण एवं गीता पर आधारित दुर्लभ पांडुलिपियों की चित्र प्रदर्शनी व मूल पाण्डुलिपियों का भी अवलोकन किया। प्रदर्शित पांडुलिपियों में श्रीमद् भागवत गीता के विभिन्न भाष्य एवं टीका, रिभु गीता, पांडव गीता, अर्जुन गीता, उत्तर गीता, फारसी भाषा में लिखित श्रीमद् भागवत महापुराण एवं गीता, उर्दू भाषा में लिखित गीता, श्रीमद् भागवत गीता एवं विविध स्तोत्र आदि पांडुलिपियों प्रदर्शित की गई।
महंत विचारानंद संस्कृत महाविद्यालय, बाघम्बरी मठ, प्रयागराज के छात्र-छात्राओं ने उपस्थित होकर प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा स्वस्ति वाचन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों के प्रति आभार प्रकट एवं स्वागत पांडुलिपि अधिकारी गुलाम सरवर कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन प्राविधिक सहायक संस्कृत हरिश्चंद्र दुबे ने किया। कार्यक्रम में डॉ शाकिरा तलत, अजय मौर्या रुचि मिश्रा, मोहम्मद सफीक,आनंद एवं अभिषेकआदि उपस्थित रहे।
