नई दिल्ली। पुणे के मुंधवा जमीन सौदे में अनियमितताएं सामने आने के बाद निलंबित किए गए सब-रजिस्ट्रार रवींद्र तारू को रविवार को पिंपरी चिंचवड़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह मामला 40 एकड़ के सरकारी प्लाट को एक ऐसी फर्म को धोखाधड़ी से बेचने से जुड़ा है, जिसमें महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के बेटे पार्थ साझेदार हैं।
पिंपरी चिंचवड़ के पुलिस उपायुक्त विशाल गायकवाड़ ने बताया कि संयुक्त जिला रजिस्ट्रार संतोष हिंगाने की शिकायत पर रवींद्र बालकृष्ण तारू के खिलाफ बावधन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। उसे रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
रिपोर्ट में कई गई ये बात
संयुक्त पंजीकरण महानिरीक्षक (आइजीआर) राजेंद्र मुथे की अध्यक्षता वाली एक समिति की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि तारू ने इस साल 19 मई को फर्जी बिक्री पत्र तैयार किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि तारू ने मुंधवा में सरकारी जमीन के विक्रय पत्र को पंजीकृत करने के लिए ई-म्यूटेशन प्रक्रिया में स्किप विकल्प का इस्तेमाल किया और अनिवार्य सत्यापन प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए इसे चल संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया।
पुलिस के अनुसार, संपत्ति का अनुमानित बाजार मूल्य 1,800 करोड़ रुपये होने के बावजूद पार्थ पवार की अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी को 300 करोड़ रुपये में अवैध रूप से बेची गई।
