प्रयागराज (राजेश सिंह)। 2026 माघ मेला निकट है। इस बार संगम स्नान के साथ ही वाराणसी में काशी विश्वनाथ और अयोध्या में रामलला का दर्शन करना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो जाएगा। रेलवे ने तैयारी पूरी कर ली है। महाकुंभ में धूम मचाने वाली रिंग रेल माघ मेला के दौरान हर रोज चलेगी।
एक जनवरी से दौड़ेगी विशेष ट्रेन
डंही डमसं 2026 प्रयागराज से शुरू होकर काशी और अयोध्या घूमकर फिर प्रयागराज लौट आने वाली यह खास ट्रेन एक जनवरी से रोजाना दौड़ेगी। महाकुंभ में इस ट्रेन ने कमाल कर दिखाया था। 415 फेरे लगाए और करीब 12 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं को तीन पवित्र स्थानों का दर्शन कराया था। लाखों लोग संगम में डुबकी लगाकर सीधे अयोध्या और काशी पहुंचे।
पहली रिंग रेल सुबह छह बजे प्रयागराज से रवाना होगी
डंही डमसं 2026 इतनी भारी मांग और सफलता देखते हुए रेलवे ने फैसला लिया है कि अब इसे अब माघ मेला में भी निर्बाध चलाया जाएगा। ट्रेन का समय ऐसा रखा गया है कि दिन और रात दोनों में सुविधा रहे। पहली रिंग रेल सुबह छह बजे प्रयागराज से रवाना होगी। सुबह 8रू10 बजे बनारस पहुंचेगी, दोपहर दो बजे अयोध्या और शाम 6रू50 बजे फिर वापस प्रयागराज लौट आएगी।
दूसरी रिंग रेल शाम को चलेगी
डंही डमसं 2026 दूसरी ट्रेन शाम 5.30 बजे चलेगी। शाम 7.40 बजे बनारस, रात दो बजे अयोध्या और सुबह 7.45 बजे प्रयागराज पहुंचेगी। इसके अलावा सुबह 6.30 बजे और शाम 5.45 बजे भी दो और रिंग रेल चलेंगी। यानी दिन में चार मौके मिलेंगे। पूरी यात्रा करीब 12 घंटे में पूरी हो जाएगी।रेलवे का मानना है कि यह ट्रेन सिर्फ यात्रियों की सुविधा ही नहीं बढ़ाएगी, बल्कि प्रयागराज-काशी-अयोध्या के पवित्र त्रिकोण को दुनिया के नक्शे पर और मजबूती से स्थापित करेगी। संगम को वैश्विक पर्यटन स्थल बनाने के सपने को भी यह रफ्तार देगी।
दूसरी रिंग रेल झांसी-चित्रकूट होते हुए वापस प्रयागराज आएगी
सिर्फ यही नहीं, दूसरी रिंग रेल भी तैयार हो रही है। प्रयागराज से झांसी-चित्रकूट होते हुए वापस प्रयागराज आएगी। इसमें भी एक ट्रेन सुबह 6.45 बजे और दूसरी शाम 5.05 बजे चलेगी। यानी माघ मेले में आने वाले श्रद्धालु चाहें तो चित्रकूट के कामदगिरि का दर्शन भी कर सकेंगे। लखनऊ मंडल के सीनियर डीसीएम कुलदीप तिवारी ने बताया, “माघ मेला के लिए सारी तैयारियां अंतिम दौर में हैं। बहुत जल्द रिंग रेल की समय-सारिणी जारी कर दी जाएगी।”
