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माघ मेला शुरू होने में तीन दिन शेष, 50 प्रतिशत भी शिविर नहीं लगे

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प्रयागराज (राजेश सिंह)। तीन जनवरी 2026 से शुरू होने जा रहे माघ मेला के आयोजन में अब तीन दिन ही शेष हैं मगर अभी संतों और कल्पवासियों के टेंट तक नहीं लग सके हैं। अभी 50 प्रतिशत भी टेंट नहीं लग पाए हैं। टेंट कंपनियों की मनमानी के चलते कल्पवासियों से लेकर संतों तक में आक्रोश है। रोज ही इन कंपनियों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं।

मंगलवार को भी टेंट कंपनियों के गोदामों में संतों तथा संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने जमकर हंगामा काटा। इस दौरान कंपनियों में सभी कार्य बंद हो गए। पुलिस ने गोदामों में मोर्चा संभाला तो काम शुरू हो सके।

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माघ मेला में इस बार 4900 संस्थाओं को जमीन दी गई है जिनके शिविरों में टेंट लगाने के लिए अब तक 4400 संस्थाओं को सुविधा पर्ची जारी हो चुकी है। संत और कल्पवासी सुविधा पर्ची लेकर घूम रहे हैं मगर टेंट कंपनियां उन्हें नौ जनवरी के बाद की तारीख दे रही हैं, जिसके कारण कल्पवासी और संत-महात्मा हैरान-परेशान हैं।

साधु-संत और संस्थाओं के लोग रोज सुबह ही टेंट कंपनियों के गोदामों में पहुंच जाते हैं और देर रात तक जमे रहते हैं मगर बैरंग ही लौटना पड़ रहा है। उनका आरोप है कि ऊंची पहुंच वाले लोगों के पहले टेंट लगाए जा रहे हैं, जबकि सामान्य संस्थाओं के टेंट लगाने के लिए 10 बाद की तारीखें दी जा रही हैं।

सोमवार के बाद मंगलवार को भी संतों ने इन टेंट कंपनियों के गोदामों में हंगामा काटा। कई संत तो धरने पर भी बैठ गए और टेंट लदे ट्रैक्टर ट्रॉलियों व ट्रकों को रोक दिया, जिससे वहां काम ही ठप हो गया। पुलिस पुहंची तो नाराज लोगों को समझाकर किसी तरह शांत कराया। गोदामों में पुलिस की तैनाती हुई तो काम शुरू हो सका।

संतों व संस्थाओं के लोगों का कहना है कि नौ जनवरी के बाद टेंट लगाने की तारीख देने से उनका कल्पवास नहीं शुरू हो पाएगा। दूसरी ओर जो टेंट लगे भी हैं तो उनमें बिजली और पानी का कनेक्शन नहीं हो सका है। सेक्टर पांच व छह में सबसे पीछे यह कार्य है।

माघ मेला में वैसे तो कुछ कल्पवासी मंगलवार को आ गए मगर बुधवार और गुरुवार को ज्यादा कल्पवासियों के आने की उम्मीद है। दरअसल, कल्पवास शुरू होने के एक-दो दिन पहले ही कल्पवासी आ जाते हैं जो इस अवधि में अपने शिविर आदि की व्यवस्था करते हैं।

माघ मेला में जल निगम के ठेकेदारों की सबसे ज्यादा लापरवाही सामने आ रही है। नल कनेक्शन देने में सबसे पीछे हैं। यही नहीं जहां जलापूर्ति की पाइप डाली गई है वहां लीकेज हो रहा है। मंगलवार को सेक्टर दो में कई स्थानों पर लीकेज के कारण शिविरों में पानी घुस गया।

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