प्रयागराज (राजेश सिंह)। अपात्र होने के बावजूद यदि अंत्योदय और पात्र लोग गृहस्थी का राशन कार्ड बनवाकर निश्शुल्क राशन का लाभ ले रहे हैं तो सचेत हो जाइए। विभाग की टीम गांवों में सत्पापन करने के लिए जाने वाली है। अपात्रों की जांच करने के लिए डीएम कमेटी गठित कर रहे हैं। अभी टीम का गठन नहीं हुआ है, लेकिन कार्रवाई की डर से हजारों कार्ड सरेंडर हो चुके हैं। इसके अलावा हजारों यूनिट भी कटेगी। डीएसओ कार्यालय पर सैकड़ों कार्डधारक कार्ड डिलीट कराने और नाम कटवाने के रोजाना पहुंच रहे हैं। हालांकि इस बीच रविवार को यूपी सरकार ने कार्ड को निरस्त या सरेंडर कराने और रिकवरी की खबरों को भ्रामक करार दिया है और कहा है कि यह अफवाह फैला दी गई है जबकि सत्यापन की एक सामान्य प्रक्रिया हमेशा की तरह चल रही है। प्रतापगढ़ जिले में सदर, कुंडा, लालगंज, रानीगंज और पट्टी पांच तहसील हैं। जिले में करीब पौने छह लाख लाख कार्डधारक हैं। इसमें 74 हजार 190 अंत्योदय कार्डधारक हैं। बाकी के पात्र गृहस्थी कार्डधारक हैं। हजारों ऐसे कार्डधारक हैं जो अपात्र की श्रेणी में आते हैं। उनके पास रिहायशी मकान, कार, एसी, जमीन आदि है। जांच के बाद अपात्रों से रिकवरी होने की खबर फैली तो कार्डधारक सहम गए। अब वह खुद नाम कटवाने के लिए तहसीलों व जिला पूर्ति कार्यालय पहुंच रहे हैं। दाे दिन पहले ही चार हजार कार्डधारकों ने अपना नाम कटवाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। इसके अलावा 14 हजार यूनिट काटे जाने के लिए भी पत्र आया है। पत्र आने के बाद नाम काटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी एसके पांडेय ने बताया कि अपात्र अपना कार्ड डिलीट कराने व यूनिट कटवाने के लिए प्रार्थन पत्र दे रहे हैं। हालांकि इस बीच रविवार को प्रदेश सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि कार्ड सरेंडर कराने या रिकवरी की खबर गलत है। सामान्य रूप से सत्यापन हो रहा है। पिछले कुछ दिनों से फैली रिकवरी की खबरों का असर है कि कार्ड डिलीट कराने और नाम कटाने के लिए डीएसओ कार्यालय पर प्रार्थना पत्र देने वालों की भीड़ दिख रही है। पूर्ति विभाग के कर्मी बारी-बारी से उनका पत्र जमा करके रिसीविंग दे रहे हैं। पिछले दिनों की अपेक्षा अब भीड़ अधिक देखने को मिल रही है।