गुजरात। कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक पटेल लगातार अपनी पुरानी पार्टी की आलोचना कर रहे हैं. हार्दिक पटेल हिंदुओं और मंदिरों का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं. मंगलवार को ही हार्दिक पटेल ने एक ट्वीट करते हुए कांग्रेस से सवाल किया कि कांग्रेस और उसके नेताओं को हिंदुओं से इतनी नफरत क्यों है? हार्दिक पटेल के इन बयानों के बाद उनके पहले के बयानों की चर्चा भी शुरू हो गई है.
एक वक्त था जब हार्दिक पटेल मरते दम तक कांग्रेस में रहने की बात कहा करते थे. जब हार्दिक कांग्रेस में शामिल हुए तब उन्होंने कहा था, "कांग्रेस में शामिल हुआ हूं तो गद्दार कहा जा रहा है. वहीं, अगर मैं बीजेपी में शामिल होता तो मुझे एक बड़े नेता के रूप में स्थापित किया जाता." इसके अलावा हार्दिक पटेल ने गुजरात विधानसभा उपचुनाव के नतीजों के बाद कहा था कि “हार-जीत के कारण पाले व्यापारी बदलते हैं, विचारधारा के अनुयायी नहीं, लडूंगा, जीतूंगा और मरते दम तक कांग्रेस में रहूंगा.” इस उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों की सभी आठ सीटों पर हार हुई थी.
वहीं अब हार्दिक पटेल कांग्रेस को जातिवादी पार्टी बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि गुजरात में चाहे पाटीदार समुदाय हो या कोई अन्य समुदाय, उन्हें कांग्रेस में भुगतना पड़ा है. कांग्रेस में सच बोलो तो बड़े नेता आपको बदनाम करेंगे और यही उनकी रणनीति है. ये दुर्भाग्य है कि गुजरात कांग्रेस दलित, आदिवासियों और पाटीदार किसी को सम्मान नहीं देती. गुजरात के विकास के लिए उनके पास कभी कोई विजन नहीं है, इसके विपरीत पार्टी के नेता नकारात्मकता से भरे हुए हैं. मुझे काम करने का मौका नहीं मिला. कांग्रेस पर मुझे जो भरोसा था, उसपर न वो खरे उतरे न मैं खरा उतर पाया. न मुझे काम करने का मौका मिला न उन्होंने मुझे कभी काम दिया. हमनें काम मांगा तभी तो उनको समस्या आ गई, अगर पद मांगा होता तो शायद दे देते.
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता रहे हार्दिक पटेल कांग्रेस की आलोचना करने के साथ पार्टी के नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठा चुके हैं. उन्होंने कहा था कि, "राहुल गांधी जब भी गुजरात आते हैं, वे राज्य के एक भी मुद्दे पर बात नहीं करते. वे जब यहां आते हैं, तो कांग्रेस के नेता चर्चा करते हैं कि उन्हें कौन सा सैंडविच देना है या कौन सी डाइट कोक देनी है. बस इसकी ही चर्चा होती है. कांग्रेस फायदे के लिए लोगों को इस्तेमाल करती है. जब भी कोई पार्टी का व्यक्ति आवाज उठाता है, तो उसके ऊपर आरोप लगाना शुरू कर दिए जाते हैं."
कांग्रेस में रहकर 3 साल बिगाड़े- हार्दिक
हार्दिक ने कहा, "कांग्रेस में रहकर मैंने अपने राजनीतिक और सामाजिक जीवन के 3 साल बिगाड़े, मैं अगर बाहर भी होता तो प्रदेश के हितों के लिए और भी ज्यादा काम कर सकता था." उन्होंने हाल ही में आज तक से बात करते हुए कहा था कि मेरे पिता जब जिंदा थे, तब वे कांग्रेस को लेकर कहते थे कि गलत पार्टी जॉइन कर ली है हार्दिक. लेकिन अब परिवार में सब खुश हैं.
इसके अलावा हार्दिक पटेल ने मंगलवार को ही ट्वीट करके कांग्रेस पर फिर निशाना साधा. उन्होंने लिखा, "मैंने पहले भी कहा था की कांग्रेस पार्टी जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम करती है, हमेशा हिंदू धर्म की आस्था को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करती है. आज पूर्व केन्द्रीय मंत्री और गुजरात कांग्रेस के नेता ने बयान दिया की राम मंदिर की ईंटों पर कुत्ते पेशाब करते हैं..!" हार्दिक यहीं नहीं रुके, उन्होंने कांग्रेस पर हिंदुओं से नफरत करने का आरोप तक लगा दिया. उन्होंने लिखा, "मैं कांग्रेस और उसके नेताओं से पूछना चाहता हूं कि आपको भगवान श्री राम से क्या दुश्मनी है? हिंदुओं से क्यों इतनी नफरत? सदियों बाद अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर भी बन रहा है फिर भी कांग्रेस के नेता भगवान श्री राम के खिलाफ अनाप-शनाप बयान देते रहते हैं."
बीजेपी की कर रहे तारीफ
हार्दिक पटेल ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि कांग्रेस सिर्फ विरोध की राजनीति तक सीमित रह गई है. देश के लोगों को विरोध नहीं, एक ऐसा विकल्प चाहिए जो उनके भविष्य के बारे में सोचता हो. उन्होंने कहा कि चाहे सीएए-एनआरसी का मुद्दा हो, जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाना हो या जीएसटी लागू करना हो, देश लंबे समय से इनका समाधान चाहता था, लेकिन कांग्रेस पार्टी बाधा बनने का काम करती रही. बीजेपी की रणनीति कभी बाहर नहीं आती, लेकिन कांग्रेस में सूत्रों के माध्यम से सारी अहम बातें बाहर आ जाती हैं, जिससे नुकसान होता है.
क्या निकल रहे हार्दिक के बयानों के मायने?
बहरहाल, हार्दिक पटेल के पहले और अब के बयानों में जहां साफ तौर पर अंतर देखा जा सकता है तो वहीं उनके हालिया बयानों के बाद कई तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं. चर्चा है कि उनका मुद्दा अब केवल आरक्षण नहीं रह गया है. पहले जहां हार्दिक पटेल केवल पाटीदार आरक्षण की बात करते थे. वहीं अब उनके बयानों में हिंदू और मंदिरों की बात ज्यादा हो रही है. वहीं, वे लगातार बीजेपी की तारीफ भी कर रहे हैं. ऐसे में उनके बीजेपी में जानें की अटकलें भी हैं.