नई दिल्ली। निकहत जरीन ने टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल अपने नाम किया, वहीं मनीषा मोन और परवीन हुड्डा ने कांस्य पदक जीते. इस दौरान खिलाड़ियों ने अपने अनुभव भी साझा किए. पीएम मोदी ने खिलाड़ियों से बातचीत के दौरान पूरी टीम को बधाई दी. इस टूर्नामेंट में भारत के 12 सदस्यीय दल ने हिस्सा लिया था.
हांलाकि पिछले टूर्नामेंट की तुलना में भारत के पदक की संख्या में एक पदक की गिरावट आई. लेकिन चार साल बाद कोई भारतीय मुक्केबाज विश्व चैंपियन बनीं. भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन इस्तांबुल में महिला विश्व चैंपियनशिप के 52 किग्रा वर्ग के एकतरफा फाइनल मुकाबले में थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस को 5-0 से हराकर विश्व चैंपियन बनीं. इससे पहले साल 2018 में भारतीय महिला मुक्केबाद मैरीकोम ने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था.
वर्ल्ड बाक्सिंग चैंपियनशिप में मुक्केबाज निकहत जरीन, मनीषा मौन और परवीन हुड्डा ने मैडल जीत कर देश का नाम रोशन किया. जिसके बाद उन पर ईनामों बारिश हो रही है.