प्रयागराज (राजेश सिंह)। आठ वर्ष पूर्व जिला कचहरी परिसर में अधिवक्ता नबी की दरोगा शैलेंद्र सिंह द्वारा गोली मारकर हत्या किए जाने के मुकदमे में गुरुवार दो जून को बचाव पक्ष की अंतिम बहस होगी। इसके उपरांत फैसला होगा। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के विशेष आदेश से रायबरेली जिला कचहरी में जिला जज की अदालत में हो रही है। जिला कचहरी परिसर के बहुमंजिला न्याय भवन की सीढ़ी के पास 11 मार्च 2015 को अधिवक्ता नबी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में चश्मदीद गवाहों और वीडियो क्लिप के आधार पर दरोगा शैलेंद्र सिंह को आरोपित बनाया गया है। उस पर नबी की गोली मारकर हत्या करने का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद से लगातार वह जेल में बंद है। हाईकोर्ट से भी जमानत अर्जी तीन बार खारिज हो चुकी है। गौरतलब है कि हत्याकांड के बाद जिला कचहरी इलाहाबाद में वकीलों की दो माह तक हड़ताल चली थी। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आह्वान पर इस हत्याकांड के विरोध में पूरे देश में एक दिन की अधिवक्ताओं की हड़ताल भी रही। इलाहाबाद जिला कचहरी में शैलेंद्र सिंह का बचाव करने के लिए अधिवक्ता नहीं मिल पा रहे हैं। इसे आधार बनाकर हाईकोर्ट के समक्ष याचिका प्रस्तुत की गई थी। विशेष आदेश के अंतर्गत मामले को रायबरेली जिला कचहरी में स्थानांतरित कर दिया गया एवं जिला जज को ही मामले की सुनवाई करने का आदेश दिया गया था। अब तक आठ जिला जज मामले की सुनवाई कर चुके हैं। हालांकि यह भी उल्लेखनीय है कि दरोगा शैलेंद्र सिंह के पक्ष में इलाहाबाद जिला कचहरी के कई अधिवक्ता रायबरेली जाकर बचाव में पक्ष रखते हैं। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 10 गवाहों को पेश किया गया है। मामले की वीडियो क्लिप न्यायालय में दिखाकर विवेचक से घटना के समय उपस्थित आरोपित व अन्य की पहचान भी कराई गई है। इस मुकदमे की प्रथम सूचना रिपोर्ट नबी के पिता ने कर्नलगंज थाने में दर्ज कराई थी। उस वक्त नबी के भाई नूर प्राइवेट नौकरी करते थे। मुकदमे की पैरवी करने वाला घर में कोई न होने के कारण उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और लॉ की पढ़ाई की। अब अधिवक्ता का पंजीकरण कराकर मुकदमे में भाई को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस संघर्ष में रितेश श्रीवास्तव एवं अविनाश मणि त्रिपाठी भी इलाहाबाद से जाकर रायबरेली की कोर्ट में नियत तारीख पर पैरवी और बहस करते हैं।