मांडाखास, प्रयागराज (शशिभूषण द्विवेदी)। मांडा दक्षिणी पहाड़ी क्षेत्र व सड़कों पर गर्मी से हांफते कराहते तमाम टैग लगे गोवंश भीषण धूप में दिखायी पड़ते हैं। सूखे खेत व तालाब, सूखे कुएं व नहरों में पानी न होने से पानी के लिए भी दरदर भटकते तमाम गोवंश आसानी से देखे जा सकते हैं।
गुरुवार को दोपहर क्षेत्र के कुशलपुर, ऊंचडीह उपरौध, देवकुंडनाथ पहाड़, मांडा कोरांव मार्ग के पहाड़ पर तमाम गोवंश पानी के लिए तड़पते दिखे । ऊंचडीह उपरौध के कुशलपुर गाँव के कान्हा गोशाला के अभिलेखों में 72 गोवंश हैं, लेकिन गुरुवार दोपहर वहाँ केवल सात गोवंश थे, बाकी जंगल में छोड़े गये थे । ग्रामीणों ने जानकारी दी कि इस गोशाले के ज्यादातर गोवंश प्रतिदिन जंगल में ही छोड़े जाते हैं, जो शाम तक वापस गोशाले में आ जाते हैं। मामले में ग्राम पंचायत अधिकारी बृजेंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि पहले उस गोशाले में पानी नहीं था, तो गोवंश पानी के लिए तालाब तक ले जाये जाते थे, लेकिन अब सफल बोरिंग के बाद भी यदि चरवाहे गोवंशों को गोशाले के बाहर निकालते हैं, तो जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।