मेजारोड, प्रयागराज (राजेश गौड़/विमल पाण्डेय)। नगर से लेकर गांव तक को स्वच्छ रखने व स्वच्छता के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से व्यापक स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा। इस अभियान के तहत केन्द्र सरकार की ओर से हर वर्ष स्वच्छता के मानदंडों के अनुरूप जिलों को रैंक देकर पुरस्कृत किया जाता है। इसके बाद भी जिम्मेदारों की उदासीनता सरकार के इस अभियान पर भारी है। इसका जीता जागता उदाहरण नगर व गांवों में जगह-जगह लगे कचरे के ढेर दे रहे हैं।
मेजारोड के कोहड़ार मार्ग पर सड़क का किनारा हो या फिर गलियां, दुकानों के आसपास सहित गंदगी फैली रहती है और व नालियां बजबजाती रहती हैं। कूड़े से जहां संक्रामक बीमारियों का फैलाव हो रहा है वहीं बजबजाती नालियों से उठती दुर्गन्ध से कस्बा वासियों को सांस लेना भी दुश्वार हो रहा है। कहने को तो कस्बे में सफाई करने के लिए सफाईकर्मी की तैनाती हैं, पर वह अपनी जिम्मेदारियों के प्रति कितना सजग है यह कस्बे में फैली गंदगी को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है।