मजदूर संघ ने मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री को पांच सूत्रीय मांग पत्र भेजा
मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
ढाई दशक से बंद पड़ी मेजा कताई मील को चालू किए जाने अथवा नया भारी उद्योग स्थापित किए जाने एवं मील कर्मियों का सेवा लाभ दिए जाने एवं मील मशीनों को पहुंचाई के छत की जांच कराने को लेकर नए सिरे से कवायद शुरू की गई है।गौरतलब है कि प्रदेश के कांग्रेसी शासन काल में मुख्यमंत्री माननीय विश्व प्रताप सिंह राजा मांडा ने वर्ष 1981 में प्रदेश में शोध उत्पादन के लिए 50 हजार करोड़ की प्रदेश में स्थित मेजा प्रयागराज, बांदा, रसड़ा, बलिया एवं जौनपुर जिला में चार सूती मिलों की स्थापना वर्ष 1981 में कराई गई ताकी क्षेत्रीय नव युवकों को रोजगार मिले और अन्य प्रदेशों में पलायन ना करना पड़े। 2 वर्ष बाद 1983 में प्रदेश की सार्वजनिक क्षेत्र की एकलौती मेजा कताई मील में उत्पादन शुरू हो गया था। इसी तरह उपरोक्त और मिलो में भी वर्ष 1985 तक उत्पादन शुरू हो गया था। मेजा पहाड़ी पर गांव सभा की 65 एकड़ जमीन पर स्थापित इस मील में एक हजार से अधिक श्रमिकों की नियुक्ति की गई थी। उत्पादन के लिहाज से यहां के बने धागे उत्तम क्वालिटी के बताए गए थे। करीब एक दशक तक पूरी क्षमता के साथ चलाई गई और अच्छा मुनाफा कमाया। मजदूर नेता हरिमोहन पांडे, रघुनंदन गुप्ता, कृपाशंकर और अमर बहादुर यादव आदि श्रमिकों की माने तो कर्मचारियों एवं श्रमिकों की हाड़ तोड़ मेहनत पर मिल के अधिकारी कुंडली मारकर बैठ गए। लाभ में चल रही मील को दस्तावेजों में घाटे पर दिखाया गया। मिल अधिकारियों की सियासत का नतीजा यह रहा कि अच्छी खासी चल रही मिल को घाटे में दिखाकर वर्ष 1992 में मील को बीमार उद्योग इकाई बताकर कागजी मकड़जाल में फंसा कर के वर्ष 1998मे इस्माइल का उत्पादन बंद कर दिया गया। इसके पूर्व तत्कालीन मुख्य अधिशासी एके शर्मा द्वारा मिलके मजदूर नेता हरमोहन पांडे से जबरन इस्तीफा लिया गया एवं मिल कर्मचारियों से मील बंदी के 6 वर्ष बाद यानी वर्ष 2004_ 2005 में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराकर आंशिक भुगतान देकर उन्हें बेरोजगार करके बाहर कर दिया है। कर्मचारियों का संपूर्ण सेवा संबंधी भुगतान आज तक नहीं किया गया। साथ ही बकाया वेतन और वी आर एस का लाभ भी आज तक भुगतान नहीं किया गया।
मजदूर संघ मेजा के पदाधिकारियों ने मील प्रबंधन के रवैये को समझते हुए मिल का ताला बंदी के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खट खटाया। कोर्ट ने दिनांक 4 जनवरी 2016 के फैसले को गलत करार देते हुए वेतन देने के आदेश के पक्ष में फैसला सुनाकर राहत जरूर दी, लेकिन व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों ने न्यायालय के आदेश पर अमल नहीं किया। इस अवधि में बेरोजगारी और भुखमरी से पीड़ित कई मजदूरों ने दम तोड़ दिया और इस दुनिया से अलविदा हो गए। इसी क्रम में शपथ ग्रहण के साथ प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों क्रमशः सौ दिन(तीन माह) 6 माह ,1 वर्ष ,2 वर्ष की कार्य योजना का खाका तैयार करने एवं विवादों का निस्तारण करने का फरमान जारी किया है। किंतु उद्योग विभाग से जुड़ी सार्वजनिक सेक्टर की सूती बीमार मील उत्तर प्रदेश यार्न कंपनी मेजा प्रयागराज एवं अन्य तीन मिल के निस्तारण हेतु प्रबंधन द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र एनओसी हेतु कार्रवाई अभी तक अमल में नहीं लाई गई संघ के मंत्री राम प्रताप पांडे ने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपए मूल्य के साजो समान की लूट जारी है। जबकि शासन ने इसकी सुरक्षा के लिए रिटायर सेना के जवानों की सेवा लेने का आदेश दिया लेकिन इस आदेश को दरकिनार कर कानपुर बैठे जिम्मेदार अधिकारी द्वारा एजेंसी की सुरक्षा की जिम्मेदारी काम पर रखा गया है। मुखिया द्वारा सुरक्षा के नाम पर शासन से स्वीकृत में बंदरबांट किया जा रहा है। आलम यह है कि मील माशिनरियो के महंगे कल पुर्जे एवम महगी किमती मशीनें मील से गायब है। मील खोखली एवम बाहर से कंडम की पोजीशन में दिखाई देती हैं। मील मशीनों का वैल्यूएशन कम होता जा रहा है इससे जिमेद्दार अधिकारियों की संलिप्तता जाहिर होती है। इसकी जांच होनी चाहिए और यदि हुई तो कानपुर में नियुक्त सुरक्षा के जिम्मेदार अधिकारी से इसकी भरपाई भी किया जाए तथा दंडित भी किया जाए।श्री पांडे ने मजदूर नेताओं तथा श्रमिक गणों द्वारा उक्त बंद पड़ी सार्वजनिक सेक्टर की उत्तर प्रदेश राज्य यार्न कंपनी में जा प्रयागराज एवम यार्न कंपनी की बंद अन्य कताई मिलों की देखरेख के लिए तथा यार्न कंपनी के मिलो के अनापत्ति रहित कराने हेतु एक लीगल अनुभवी सक्षम अधिकारी की नियुक्ति की मांग करते हुए
मिल मशीनरिओ में की गई हेराफेरी एवं पहुंचाई गई छती की जांच कराने तथा दोषी अधिकारियों से क्षतिपूर्ति वसूल करने एवं दंडित करने,
उत्तर प्रदेश राज्य यार्न कंपनी मेजा प्रयागराज को पुनर्जीवित कर चालू किए जाने अथवा नया भारी उद्योग स्थापित किए जाने,
माननीय ओद्योगिक न्यायाधिकरण प्रथम प्रयागराज द्वारा श्रमिकों के पक्ष में दिए गए फैसले दिनांक 4 जनवरी 2016 को प्रति पालन कराने,
उत्पीड़ित कर जबरन इस्तीफा लिखा कर निकाले गए मजदूर नेता हरमोहन पांडे को भी अन्य श्रमिकों की बात समस्त सेवा लाभ दिए जाने,
यार्न कंपनी मेजा प्रयागराज के सभी मील कार्मिकों को ई पीएस -95 के अंतर्गत पेंशन हेतु लाभ जिन्होंने प्रतिष्ठान में 10 वर्ष से अधिक सेवा किया है दिए जाने हेतु,प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम ज्ञापन भेजकर मजदूर संघ के मंत्री राम प्रताप पांडेय मजदूर नेताओं श्रमिकों द्वारा समस्याओं का त्रिपक्षीय वार्ता कराकर निस्तारण कराने की मांग की गई है तथा उद्योग मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी एवं मेजा विधानसभा की पूर्व विधायक नीलम उदय भान करवरिया से मदद की गुहार लगाई है।