Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

तू चोर मैं सिपाही: कमिश्नर का पीआरओ गैंगस्टर की बुलेट से भर रहा फर्राटा, बना चर्चा

 

sv news

कानपुर (राजेश सिंह)। पुलिस कमिश्नर के पीआरओ दारोगा अजय मिश्रा इन दिनों गैंगस्टर की बुलेट से फर्राटा भर रहा है। यह बुलेट गैंगस्टर बलराम राजपूत के नाम थी। दारोगा का दावा है कि उसने 90 हजार रुपये में खरीदी है। अब बुलेट उनके बेटे के नाम है। हालांकि सवाल यह उठता है कि अपराधी की ही बुलेट क्यों खरीदी?
कानपुर विश्वविद्यालय की बीसीए की एक छात्रा ने चार साल पहले खुदकुशी कर ली थी। मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में तत्कालीन विवि चौकी इंचार्ज अजय मिश्रा चार अप्रैल 2018 को जेल भेजे गए थे। जेल में ही उनकी मुलाकात चकेरी निवासी ड्रग्स तस्कर बलराम राजपूत से हुई।
अजय दो मार्च 2020 को जेल से जमानत पर छूटा था। वर्तमान में अजय एक बुलेट (यूपी 78 एफजे 9533) से चलते हैं, जो बलराम की पत्नी सोनी के नाम पर थी। अब अजय के बेटे उत्कर्ष के नाम है। सोनी पर भी एनडीपीएस समेत दो केस दर्ज हैं।

*बलराम पर 16 केस दर्ज, दो बार लगा गैंगस्टर*
बलराम राजपूत का लंबा आपराधिक इतिहास है। उस पर 16 केस दर्ज हैं। मादक पदार्थ की तस्करी करने, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट, लूट, अपहरण, डकैती के केस शामिल हैं। इसी में चार केस हरियाणा के सिरसा में दर्ज हैं। सिरसा और कानपुर के कैंट थाने से एक-एक बार उस पर गैंगस्टर भी लग चुका है। दो बार गुंडा एक्ट में भी कार्रवाई की गई है।

*जेल में बैठकर कर रहा खेल*
कुछ दिन पहले बलराम पेशी पर आया था। इस दौरान उसने नवाबगंज निवासी एक अधिवक्ता से मुलाकात की थी। अधिवक्ता से कहा था कि वह हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह का बर्रा निवासी भाजपा नेता से हुए विवाद का निस्तारण करवा दे। यह मनोज सिंह वही है, जिसको नारायण भदौरिया व उसके साथियों ने पिछले साल पुलिस हिरासत से फरार कराया था।
उक्त मामले में विजय सिंह मीणा, पुलिस कमिश्नर का कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। जानकारी कर जांच कराएंगे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad