मेरठ (राजेश सिंह)। जनता को कानून का पाठ पढ़ाने वाली पुलिस स्वयं कानून का पालन करना भूल गई। शनिवार देर रात कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र की योगीपुरम पुलिस चौकी पर शराब पार्टी के बाद दो सिपाहियों के बीच हुई कहासुनी खूनी संघर्ष में बदल गई। चाकूबाजी में एक सिपाही घायल हो गया। इसका वीडियो बनाकर एक सिपाही ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। पहले तो पुलिस मामले को दबाती रही। लेकिन, वीडियो वायरल होने पर अधिकारियों ने दोनों सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया। थाना प्रभारी सुबोध कुमार सक्सेना को भी हटा दिया है। उन्हें साइबर सेल का प्रभारी बनाया गया है। पहले दोनों सिपाही किराये पर साथ रहते थे। वहां भी इनके बीच में कई बार विवाद हुआ। सिपाही ओजस्वी ने अपने कुछ साथियों को फोन कर चौकी पर बुला लिया और सिपाही दीपक पर चाकू से हमला कर घायल कर दिया। अन्य सिपाहियों ने बीचबचाव का प्रयास किया। एक सिपाही ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया। रात में ही घटना की जानकारी मिलते ही थाना पुलिस ने दीपक को अस्पताल में उपचार दिलाया। रविवार दोपहर तक पुलिस इस प्रकरण को छुपाती रही। इस बीच घटना का वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद मामला अधिकारियों तक पहुंचा तो दोनों सिपाहियों पर विभागीय जांच बैठाते हुए लाइन हाजिर कर दिया। थाना पुलिस मारपीट के दौरान धक्का लगने से चारपाई का कोना दीपक को लगने की बात कह रही है। दोनों सिपाहियों में से किसी ने लिखित शिकायत नहीं दी है।
पुलिस चौकी में उड़ती रही कानून की धज्जियां
योगीपुरम पुलिस चौकी पर शनिवार रात शराब पार्टी के बाद सिपाहियों में हुई मारपीट के दौरान कानून की धज्जियां उड़ती रही। सिपाही पर अपने साथियों को बुलाकर मारपीट व चाकूबाजी करने के आरोप लगे। परंतु, इसके बावजूद थाना पुलिस प्रकरण पर पर्दा डालने में जुटी रही। कानून का पाठ पढ़ाने वाली पुलिस खुद कानून को तोड़ती रही।
सुबोध कुमार सक्सेना थाना प्रभारी कंकरखेड़ा ने कहा कि दोनों सिपाहियों पर विभागीय जांच बैठा दी है। चाकू से हमला नहीं किया गया है। धक्का लगने से दीपक गिर गया था। चारपाई का किनारा लगने से उसे चोट लगी है। दोनों को अधिकारियों के आदेश पर लाइन हाजिर कर दिया है। जांच में जो भी दोषी मिलेगा कार्रवाई होगी।