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हाईकोर्ट के बाहर के वकीलों को जज बनाने के विरोध मे शनिवार को भी रहेगी अधिवक्ताओं की हड़ताल

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति मामले में कोलेजियम की शिफारिश में सुप्रीम कोर्ट के चार अधिवक्ताओं के नाम प्रस्तावित करने का हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कड़ा विरोध किया है और कार्यकारिणी के सर्वसम्मत प्रस्ताव को अध्यक्ष आरके ओझा और महासचिव एसडी सिंह जादौन ने मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल को सहयोग की अपील के साथ भेज दिया है। बार एसोसिएशन के सदस्य आज शुक्रवार 16 सितंबर को लंच बाद न्यायिक कार्य से विरत रहे और शनिवार 17 सितंबर को भी हड़ताल पर जाने का प्रस्ताव किया है। लखनऊ खंडपीठ के अधिवक्ता भी विरोध में हड़ताल पर हैं। 

हाईकोर्ट कोलेजियम के प्रस्तावित 16 नामों में चार सुप्रीम कोर्ट के है वकील

बार एसोसिएशन के महासचिव ने कहा कि कोलेजियम द्वारा हाईकोर्ट से बाहरी वकीलो को हाईकोर्ट जज बनाने की संस्तुति भेजने के निर्णय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बार एसोसिएशन इसका पुरजोर विरोध करती है। बैठक की अध्यक्षता कर रहे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा ने कहा कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद द्वारा 16 मार्च 2022 और 23 अगस्त 2022 को मुख्य न्यायमूर्ति को भेजे गये प्रस्ताव में इस बात का अनुरोध किया गया था कि हाईकोर्ट इलाहाबाद में मात्र इलाहाबाद और उसकी लखनऊ खंडपीठ में वकालत कर रहे अधिवक्तागण को ही बतौर न्यायमूर्ति नियुक्त किया जाय लेकिन हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद के प्रस्ताव को दरकिनार कर उच्चतम न्यायालय के चार अधिवक्ताओं को कोलेजियम द्वारा न्यायमूर्ति नियुक्ति के लिए प्रस्तावित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। महासचिव सत्यधीर सिंह जादौन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने इस संबंध में कई आदेश पारित किए हैं। उसके विपरीत यहां के बार के सदस्यों को छोड़कर दूसरी बार के अधिवक्ताओं को नियुक्त किया जा रहा है। कोलेजियम का यह प्रस्ताव सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां बड़ी संख्या में ऐसे अधिवक्ता हैं जो बतौर न्यायमूर्ति बेहतर कार्य कर सकते हैं। उनकी हाईकोर्ट में लगातार मौजूदगी है और वे लगातार बेहतर काम कर रहे हैं। ऐसे में बाहरी अधिवक्ताओं को न्यायमूर्ति के लिए नाम प्रस्तावित किया जाना गलत है।और संविधान का उल्लघंन है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद इसका पुरजोर विरोध करती है। बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता पूर्व अध्यक्ष राकेश पांडेय, वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी, वरिष्ठ अधिवक्ता पंडित दया शंकर मिश्र, पूर्व महासचिव प्रभाशंकर मिश्र, पूर्व महासचिव अशोक कुमार सिंह, पूर्व महासचिव सुरेश चन्द्र पांडेय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र, उपाध्यक्ष नीरज कुमार त्रिपाठी, सुरेंद्र नाथ मिश्र, धर्मेन्द्र सिंह यादव, सत्यम पांडेय, श्यामा चरण त्रिपाठी, आशुतोष त्रिपाठी, ऊष्मा मिश्रा, अरुण कुमार सिंह ने विचार रखे। पूर्व संयुक्त सचिव संतोष कुमार मिश्र, पूर्व उपाध्यक्ष हरवंश सिंह, प्रशांत सिंह रिंकू, पूर्व उपाध्यक्ष अतुल पांडेय, भाजपा नेता मृत्युंजय तिवारी आदि ने बाहरी वकीलों के हाईकोर्ट जज बनाने का पुरजोर विरोध किया।

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