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गजब.. मृतकों का जाबकार्ड बनाकर किया गया धनादोहन, जिम्मेदार मौंन

Sv News


करछना,प्रयागराज (दीपक शुक्ला)। एक तरफ भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सीएम योगी का जेसीबी गरज रहा है तो वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार करने वाले सारी हदें पार कर दिये हैं। जनपद के करछना विकास खंड अंतर्गत ग्राम सभा मेड़रा के ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक ने मिलकर दर्जनों अपात्रों को एससी बनाकर उनके नाम से फर्जी जाबकार्ड बना दिया। यही नहीं इससे भी संतुष्टि नहीं मिली तो मृतकों के नाम से भी जाबकार्ड बनाकर राजकोष का धनादोहन किया गया। उक्त जानकारी जब गांव के ही मनोज कुमार पाण्डेय के हुई तो उसने जिलाधिकारी प्रयागराज को शिकायत पत्र भेजकर जांच की मांग की। उक्त संबंध में (हलफनामा) 2001752001121 पर आदेश से. 2803 दो जून 2018 जाँच का आदेश 2419/2022 किया था जो कार्यवाही अभी तक लम्बित है। नोडल अधिकारी व जिला कृषि अधिकारी से मनोज कुमार पाण्डेय मिल कर जांच के लिए बातचीत किया तो अधिकारी द्वारा बोला गया जांच के बिन्दु ज्यादा होने के कारण मैं जांच करने में असमर्थ हूँ। 

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प्रार्थी लगभग 5 वर्षों से परेशान है, सैकड़ों बार विकास भवन का चक्कर लगा चुका है। कोई कार्यवाही नहीं की गई है। ग्राम सभा के रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक व ग्राम प्रधान की मिलीभगत से साक्ष्यों में हेर फेर किया जा रहा है। ग्राम सभा में कई आवास अपात्र को दिए गए हैं। कई आवास अधूरे हैं। कई बने ही नहीं है, जो कि कागज में पूर्ण दिखाकर पैसों का बंटवारा कर लिया गया है। 

कई शौचालय ग्राम सभा में बने नहीं है अभिलेखों में पूर्ण कराया गया है। ग्राम सभा में नाली निर्माण का कार्य दिखाकर कई लाखों रुपये का घोटाला किया गया है। जो खड़ंजा बने ही नहीं है उनका कई लाख रूपए निकाल लिया गया है। मनरेगा का कार्य दिखाए गए हैं लेकिन कार्य नहीं हुआ है। फर्जी जॉब कार्ड बनाकर भारी पैसे का घोटाला किया गया है। जॉब कार्ड नंबर 118 सुबराम पुत्र राम जीयावन फरवरी 2011 का मृतक है, लेकिन जॉब कार्ड में 2014 तक फर्जी हाजिरी लगा कर पैसों का घोटाला किया गया है। ग्राम सभा में कई डबल जॉब कार्ड बनाकर घोटाला किया जा रहा है। 40 लोगों का जॉब कार्ड एससी कास्ट दिखाकर बनाया गया है। जो कि अन्य कास्ट के हैं। रोजगार सेवक के परिजन, जो कभी काम नहीं किए हैं और अपात्र भी हैं, मनरेगा में अस्सी परसेंट फर्जी हाजिरी लगा कर घोटाला किया गया है। दिव्यांग जो कभी काम नहीं किए हैं उनका भी 2008 से ही लगातार फर्जी हाजिरी लगाकर घोटाला किया गया है।

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