वाराणसी (राजेश सिंह)। जयप्रकाश नगर में भाजपा नेता की हत्या के मामले में सिगरा पुलिस ने पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया। इस मामले में हत्या, हत्या के प्रयास व बलवा समेत विभिन्न आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इसमें 17 हमलावरों को नामजद व दर्जनों अज्ञात को आरोपित बनाया गया है। सभी गैंग नंबर 307 के जुड़े हैं। नामजद आरोपितों में मंटू सरोज, राहुल सरोज, अभिषेक, अनूप, दिनेश पाल, सुरेश सरोज, आर्यन सरोज, श्याम बाबू, सूरज, विशाल राजभर, विकास, मनीष, पवन, साहिल, संदीप, रमेश व गणेश शामिल हैं। दुकान व आसपास के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से हमलावरों की पहचान की जा रही है। घटना को लेकर भाजपा में जबरदस्त आक्रोश है। वहीं गुरुवार को मोहल्ले में गमगीन माहौल देखा गया। क्षेत्र की दुकानें शोक में बंद रहीं। वारदात की गंभीरता को देखते हुए पूरी नगर निगम पुलिस चौकी को निलंबित कर दिया गया हपुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने बताया कि घटना में प्रथम दृष्टया लापरवाही मिलने पर नगर निगम चौकी प्रभारी नीरज ओझा, दारोगा ललित कुमार पांडेय, हेड कांस्टेबल देवी यादव, अनूप राय, मोहन कुमार व कांस्टेबल राम अवतार, नितिन, सुधांशु व दिनेश को निलंबित किया गया है। आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने के साथ ही उनकी हिस्ट्रीशीट भी खोली जाएगी। उधर, पोस्टमार्टम के बाद सुबह मणिकर्णिका घाट पर पशुपति नाथ सिंह की अंत्येष्टि की गई। मौके पर भाजपा के नेता व कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
बता दें कि बुधवार की रात 72 वर्षीय पशुपति नाम सिंह की 30 - 40 की संख्या में हमलावरों ने हाकी, डंडे, राड व ईंट पत्थर से पीट - पीट कर हत्या कर दी गई थी तथा पुत्र राजकुमार उर्फ राजन सिंह को अधमरा कर दिया था। हमलावरों के दुस्साहस के आगे आसपास के लोग बचाने की हिम्मत तक नहीं जुटा सके। जिनके दरवाजे खुल थे, उन्होंने बंद कर लिए। जयप्रकाश नगर में पशुपति नाथ सिंह का मकान है। मकान के बगल में उनकी प्रापर्टी में देसी शराब व बीयर की दुकान है। बुधवार की रात शराब ठेके में लेनदेन को लेकर चिखना वाले व सेल्समैन से चार युवकों की मारपीट हुई थी। सूचना के बाद पहुंचे पशुपति नाथ सिंह के छोटे बेटे राजन ने युवकों को वहां से हटा दिया था। इसके बाद युवक अपने साथ बड़ी संख्या में लोगों को लेकर पहुंचे और राजन पर हमला कर दिया। बीच बचाव करने पहुंचे पिता को घेर कर मरणासन्न कर दिया। राजन को गंभीर हालत में ट्रामा सेंटर बीएचयू में भर्ती कराया गया। भाजपा विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि पशुपति नाथ सिंह ने उन्हें बताया था कि खुद को हंटर गैंग, गैंग नंबर 307, बाइकर्स गैंग का सदस्य बताने वाले मनबढ़ युवक अकसर शराब ठेके के आसपास उपद्रव करते हैं। पुलिस चेती होती तो ऐसी घटना नहीं होती। इसकी शिकायत नगर निगम चौकी और सिगरा थाने की पुलिस से की जाती थी, लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लिया गया। वारदात स्थल के आसपास के लोगों ने बताया कि सूचना के 25 मिनट बाद पुलिस मौके पर पहुंची जबकि नगर पुलिस चौकी से पांच मिनट का रास्ता है। इसको लेकर स्थानीय लोगों में पुलिस के प्रति गहरी नाराजगी भी देखने को मिली। देसी शराब ठेके के सेल्समैन यादवेंद्र यादव ने घटना की सूचना सबसे पहले नगर निगम चौकी प्रभारी को दी थी। बाद में जब अधिकारियों के फोन काल आने शुरू हुए तो स्थानीय पुलिस की निद्रा टूटी।
पशुपति नाथ सिंह के बड़े बेटे कोचिंग संचालक रुद्रेश सिंह ने बताया कि मेरे पिता की हत्या गैंग नंबर 307 के सरगना के ललकारने पर हुई है। मेरे घर से बगल में शराब व बीयर की दुकान है। बुधवार की रात इस गिरोह के सरगना छित्तूपुर निवासी मंटू सरोज व राहुल सरोज अपने दो साथियों संग नशे में शराब ठेके के पास उपद्रव कर रहे थे। उपद्रव को देख कर हमारे छोटे भाई राजन चारों के पास गए और उन्हें वहां से जाने को कहा। उस पर चारों धमकी देते हुए चले गए। इसके कुछ देर बाद दोनों बड़ी संख्या में अपने साथियों के साथ हाकी, राड, डंडा से लैस होकर आए। मंटू व राहुल ने अपने साथियों को ललकारते हुए कहा कि राजन को मार डालो। उनके ललकारने पर सभी ने हमला कर दिया। शोरगुल सुनकर पिता भाग कर पहुंचे तो सभी ने उन पर भी हमला बोल दिया। इस वारदात को हमने अपने परिचितों के साथ देखा लेकिन हमलावरों के दुस्साहस के कारण पिता व भाई को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा सके। हमलावर के जाने के बाद भाई व पिता को बीएचयू ट्रामा सेंटर ले गए। हमारे साथ ऐसा कर दिया है जिसे हम व हमारा परिवार जीवन भी नहीं भूल पाएगा।