प्रयागराज (राजेश सिंह)। लचर तैयारियों के बीच शनिवार को प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने संगम की रेती पर माघ मेला बसाने के लिए भूमि आवंटन की तिथियां घोषित कर दी। भूमि आवंटन 11 से 25 दिसंबर तक होगा। इस दौरान साधु-संतों,तीर्थपुरोहितों और आध्यात्मिक संस्थाओं को भूमि आवंटित की जाएंगी। तिथियां घोषित होने के साथ ही कई संस्थाओं के बीच भूमि सुविधा बढ़ाने के लिए खींचतान तेज हो गई है।
माघ मेला बसाने के लिए सबसे पहले दंडीबाड़ा को भूमि आवंटित की जाएगी। इस आध्यात्मिक संस्था के 127 से अधिक शिविरों के लिए दो दिन तक 11-12 दिसंबर को भूमि आवंटन किया जाएगा। इसी तरह 14, 15 दिसंबर को खाक चौक के संतों को भूमि आवंटित की जाएगी। खाक चौक की भूमि का कुछ हिस्सा इस बार कटान में बह गया है।
इसके बाद 17 और 18 दिसंबर को रामानुज नगर आचार्य बाड़ा केलिए भूमि आवंटित की जाएगी। आचार्यबाड़ा में भी भूमि सुविधा बढ़ाने के लिए संतों में खींचतान तेज हो गई है। मेला प्रशासन की ओर से जारी तिथियों के अनुसार 19 दिसंबर को संगम लोवर मार्ग, संगम अपर मार्ग, सरस्वती मार्ग, महावीर मार्ग पर भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
इसी तरह 20 दिसंबर अन्नपूर्णा मार्ग, सेक्टर एक व दो, परेड, शास्त्री गाटा, कबीर नगर, 21 दिसंबर को रामानुज मार्ग, गणपति मार्ग, जीटी मार्ग, अरैल, 22 दिसंबर को तुलसी मार्ग, 23 को त्रिवेणी मार्ग, हरिश्चंद्र मार्ग, 24 को काली मार्ग, गंगोली शिवाला मार्ग और 25 दिसंबर को समुद्र कूप मार्ग एवं इंटरलॉकिंग मार्ग सेक्टर -तीन, समया माई मार्ग समेत अन्य संस्थाओं को भूमि आवंटित की जाएगी।
भूमि आवंटन के दो दिन बाद मिलेगी सुविधा पर्ची, फोटो पहचान पत्र लाना अनिवार्य
मेलाधिकारी अरविंद चौहान के मुताबिक भूमि आवंटन के दो दिन बाद सुविधा पर्ची जारी की जाएगी। सुविधा पर्चियों के लिए फोटोयुक्त पहचान पत्र एवं आधार कार्ड प्रस्तुत करना अनिवार्य है। प्रत्येक संस्थाओं को मेले की संपूर्ण अवधि माघी पूर्णिमा तक शिविर बनाए रखना होगा।
वैश्विक महामारी के नियमों का पालन
वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए कल्पवासियों, धार्मिक संस्थाओं को नियमों का पालन करना होगा। महामारी की स्थिति में जारी किसी भी आदेश का पालन हर संस्था को करना होगा।
टिन टेंटेज वापस न करने वालों को नहीं मिलेगी सुविधा
पूर्व के मेले के दौरान टिन टेंटेज की वापसी न करने वाली संस्थाओं को इस बार माघ मेले में भूमि सुविधाएं नहीं दी जाएंगी। ऐसी चिह्नित संस्थाओं को किसी भी तरह की सुुविधा मेला प्रशासन इस बार नहीं देगा।