प्रयागराज (राजेश सिंह)। शक्तियों को अपनी मुट्ठी में रखने का दावा करने वाले बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कार को ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ढोंग करार दिया है। उन्होंने धीरेंद्र के दावे पर सवाल सवाल उठाए हैं। इसी तरह माघ मेले में आए कई संतों ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कार को सनातन संस्कृति के विरुद्ध बताया। उनका कहना है कि सनातन धर्म कभी पाखंड और अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता।
छत्तीसगढ़ के रायपुर में दरबार लगा कर चमत्कार दिखा रहे बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र शास्त्री की शक्तियों और उनके दावे को लेकर पूछे गए पर ज्योतिष्पीठाधीश्वर ने कहा कि कहा कि इसे बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। ज्योतिष्पीठाधीश्वर ने कहा कि चमत्कार दिखाने वाले धीरेंद्र शास्त्री उनके जोशीमठ के मकानों में आ गई दरारों को भर दें, तो वो उनका स्वागत करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम उनके लिए फूल बिछाएंगे, अगर वह कि आओ, हमारे मकानों, मठों में आई दरारों को भर दें। इसी तरह सेक्टर दो में स्थित राधा आध्यात्मिक सत्संग मंडल की अध्यक्ष डॉ. राधाचार्या ने भी बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कार को अंधविश्वास करार दिया। डॉ. राधाचार्या का कहना है कि सनातन धर्म हमेशा पाखंड और अंधविश्वास से परे सुखी समाज की अवधारणा प्रस्तुत करता है। इस तरह की झाड़-फूंक से धर्म को नहीं अंध विश्वास को ही बढ़ावा मिलता है। इस पर रोक लगनी चाहिए।
प्रयागवाल सभा के महामंत्री रितुराज चंद्र मिश्र ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कार को सनातन धर्म को नुकसान पहुंचाने वाला कदम बताया है। रविवार को सेक्टर तीन के अपने शिविर में उन्होंने बागेश्वर धाम वाले बाबा को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि हमारी संस्कृति इस तरह के पाखंड की छूट नहीं देती। सनातन संस्कृति प्रेम, करुणा, दया और सत्य का मार्ग सिखाती है।
सुमेरु पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री के प्रति अनभिज्ञता जताई है। रविवार को त्रिवेणी मार्ग स्थित अपने माघ मेला शिविर में स्वामी नरेंद्रानंद ने धीरेंद्र शास्त्री पर किसी तरह की टिप्पणी से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह किसी बागेश्वर धाम और धीरेंद्र शास्त्री के बारे में जब जानते ही नहीं तो उन पर टिप्पणी कैसे कर सकते हैं।