प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सैम हिग्गिनबॉटम कृषि विश्वविद्यालय शुआट्स नैनी, प्रयागराज के कुलपति प्रोफेसर आरबी लाल, भाई विनोद बी लाल व मैथ्यू सैमुअल सहित अन्य लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए राहत दी है। इनके खिलाफ जबरन धर्मांतरण कराने के आरोप में फतेहपुर में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। कोर्ट ने याचियों को निर्देश दिया है कि वह 13 व 15 फरवरी को विवेचक के समक्ष उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराएं तथा विवेचना में सहयोग करें।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि याची 13 फरवरी को विवेचक के समक्ष अंडरटेकिंग दें और अपना पासपोर्ट समर्पित करें। तब तक इनकी गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने दिया है। कहा गया कि जबरन धर्मांतरण के आरोप बेबुनियाद व राजनीति से प्रेरित है। याची प्राथमिकी में नामजद नहीं है। उसका नाम बाद में दो गवाहों के बयान के आधार पर शामिल किया गया है।
यह भी कहा गया कि विवेचना अधिकारी पूर्वाग्रह से ग्रसित है। वास्तविकता यह है कि जिस चर्च के द्वारा धर्मांतरण कराने का आरोप है याची उस चर्च का सदस्य तक नहीं है। याची सैम हिग्गिनबॉटम कृषि विश्वविद्यालय का कुलपति है। अभियोजन की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट से समय देने की मांग की, ताकि आरबी लाल द्वारा विदेशों से फंड इकट्ठा करने और उस फंड को पर्दे के पीछे जबरन धर्मांतरण के कार्य में लगाए जाने कुछ साबित करने के लिए कोर्ट के समक्ष तथ्य प्रस्तुत किए जा सके।
मालूम हो कि आरबी लाल सहित अन्य लोगों के खिलाफ कोतवाली फतेहपुर में विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी हिमांशु दीक्षित ने एफआईआर दर्ज कराया है। आरोप है कि उपरोक्त आरोपियों की मिलीभगत से इवेंजलिकल चर्च ऑफ़ इंडिया में 90 हिंदुओं का धर्मांतरण कराया गया। शिकायत पर जब अधिकारियों की टीम चर्च में पहुंची तो उन्होंने पादरी विजय मसीह से पूछताछ की।
बताया कि धर्मांतरण की प्रक्रिया पिछले 34 दिनों से जारी है और 40 में दिन यह पूरी हो जाएगी । यह भी पता चला कि मिशन हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों का भी धर्मांतरण कराने का प्रयास किया जा रहा था और अस्पताल के कर्मचारी इसमें सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। इस शिकायत पर पुलिस ने 35 नामजद सहित 20 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।