शिवार्चन कथा के पांचवे दिन रही भक्तों की ऊंचडीह में भीड़
माण्डा, प्रयागराज (शशिभूषण द्विवेदी)। भगवान शिव जैसे जगत्गुरु पाने के बाद भी अपने अभिमान के चलते रावण का सर्वनाश हो गया । अभिमानी शिष्य का कोई भी गुरु कल्याण नहीं कर सकता।
माण्डा के ऊंचडीह गांव में पं राम उजागिर शुक्ल के निवास पर शिवार्चन पुराण कथा के पाचवें दिन गणेश जन्मोत्सव कथा के दौरान उक्त विचार ब्रह्मलीन स्वामी राजेश्वरानंद जी के कृपा पात्र शिष्य अंकुश जी महाराज ने व्यक्त किया। कहा कि देवताओं को अलग अलग विभक्त करके हम अपराध करते हैं । भगवान राम, कृष्ण या ब्रह्मा, विष्णु, महेश सभी एकाकार हैं, हम जिस भाव से आराधना करेंगे, उसी के अनुसार मेरा कल्याण होगा ।कथाक्रम को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि किसी की गलती पर हमें हंसना नहीं चाहिए, बल्कि गलत व्यक्ति को एकांत में समझाकर सुधार का अवसर देना चाहिए। हम किसी पर हंसेंगे, तो आगे चलकर हम भी उपहास के ही पात्र बनेंगे।
पांचवे दिन की कथा में भगवान गणेश का जन्मोत्सव, आरती, पूजन के साथ मनाया गया।रोचक संगीत मयी कथा के दौरान क्षेत्र व विभिन्न जनपदों के तमाम भक्त व गणमान्य लोग मौजूद रहे । संगीत मयी कथा में भक्त मनमोहित तालियां बजाते नाचने लगे । पूरे पण्डाल में हर हर महादेव के नारे लगने लगे। आयोजक पं धर्म प्रकाश शुक्ल (महादेव) व धनंजय शुक्ल ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर पुलिस उपायुक्त मेजा विमल किशोर मिश्रा, अधिवक्ता अभिषेक तिवारी, राजमणि द्विवेदी, केयन शुक्ल, अभिषेक मिश्रा आदि तमाम लोग मौजूद रहे ।