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माफिया अतीक को सजा होते ही बदले बसपा के सुर, पत्नी शाइस्ता परवीन का कटेगा टिकट!

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। उमेश पाल अपहरण कांड में माफिया अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सुर बदलने लगे हैं। उमेश पाल हत्याकांड से पहले बसपा ने माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन को मेयर पद का प्रत्याशी घोषित किया था और अब बसपा प्रत्याशी बदलने की तैयारी में है। मेयर पद पर आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने के बाद बसपा प्रयागराज से मेयर पद का नया प्रत्याशी घोषित कर सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रयागराज की मेयर सीट आरक्षित हो या न हो, लेकिन पार्टी ने मन बना लिया है कि बसपा से शाइस्ता की जगह कोई अन्य प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा। 
अब इस मसले पर औपचारिक घोषणा होने का इंतजार है। बसपा के कुछ पदाधिकारियों का कहना है कि शाइस्ता परवीन को पुलिस ने फरार घोषित कर रखा है। शाइस्ता के परिवार के ज्यादातर लोग जेल में हैं या फारार हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि शाइस्ता को चुनाव कौन लड़ाएगा और प्रचार-प्रसार कौन करेगा। 
समय बहुत कम बचा है। ऐसे में आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट होने के बाद मेयर पद पर किसी नए प्रत्याशी का नाम सामने आ सकता है। उधर, जिलाध्यक्ष टीएन जैसल का कहना है कि मेयर प्रत्याशी पर निर्णय बसपा सुप्रीमो मायावती लेंगी।
तीन अप्रैल को बसपा की जिला समिति की बैठक प्रस्तावित है, जिसमें पार्षद प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा होगी। हालांकि, आधे पदों पर प्रत्याशी पहले से तय हो चुके हैं। बैठक में आंबेडकर जयंती की तैयारी को लेकर भी चर्चा की जाएगी। जिलाध्यक्ष टीएन जैसल के अनुसार इस बैठक में पांचों जोनल इंचार्ज भी शामिल होंगे।
प्रयागराज और मिर्जापुर के मुख्य जोन इंचार्ज अशोक कुमार गौतम, अमरेंद्र बहादुर भारतीय एवं राजू गौतम और प्रयागराज के मुख्य जोन इंचार्ज डॉ. जगन्नाथ पाल एवं सतीश जाटव की मौजूदगी में बैठक के दौरान आगामी नगर निगम चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी। 
राजू पाल हत्याकांड के गवाह रहे उमेश पाल अपहरणकांड में एमपीएमएलए कोर्ट ने माफिया अतीक, दिनेश पासी व अधिवक्ता खान शौलत हनीफ को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपियों पर 9300 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इसके साथ ही एक-एक लाख रुपये क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश दिया है। यह क्षतिपूर्ति पीडि़त परिवार को दी जाएगी। सबूत के अभाव में अदालत ने अतीक के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत सात आरोपियों को बरी कर दिया।
अतीक के खिलाफ 101 मामले दर्ज हैं। उसके 44 साल के अब तक के आपराधिक इतिहास में वह किसी अन्य मामले में दोषी साबित नहीं हुआ था। पहली बार किसी मामले में उसे सजा सुनाई गई है। उसके साथ खान शौलत हनीफ और दिनेश पासी भी पहली बार दोषी ठहराए गए हैं। इन दोनों के खिलाफ भी कई अन्य मामले दर्ज हैं।

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