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सहकारी समिति पथरा के चुनाव में 'जनसुनवाई' के जगनायक ने मारी बाजी,शुभचिंतकों ने दी बधाई

  


मेजा,प्रयागराज। (हरिश्चंद्र त्रिपाठी)

विकास खंड मेजा की पथरा न्याय पंचायत के साधन सहकारी समिति चुनावों में भइयां निवासी जगनायक मिश्र ने अध्यक्ष पद जीता। यह चुनाव क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहा और कांटे की टक्कर में अंततः जनसुनवाई फाउंडेशन के स्थानीय समन्वयक जगनायक मिश्र को सफलता मिली। जगनायक जनसुनवाई फाउंडेशन संचालित जनपंचायत अभियान के वरिष्ठ कार्यकर्ता हैं। इस जीत के तुरंत बाद उन्हें पथरा न्याय पंचायत का प्रभारी भी घोषित किया गया है।अपनी चुनावी सफलता का श्रेय क्षेत्र की ग्रामीण जनता, प्रबुद्ध किसानों और वंचित समाज के लोगों को देते हुए जगनायक ने कहा कि इन सभी की अपेक्षाओं पर शत-प्रतिशत खरा उतर सकूं, यही प्रयास रहेगा। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई फाउंडेशन के मार्गदर्शन में ग्राम विकास के प्रयासों को और गति देना व पथरा सहकारी समिति के कार्यकलापों को भी राज्य-देश स्तर पर अग्रणी स्थापित कर दिखाना हमारा प्रमुख लक्ष्य रहेगा।

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जगनायक मिश्र की जीत पर क्षेत्रीय प्रबुद्ध  पूर्व प्रधान पथरा लालजी मिश्र, पूर्व प्रधान नेवादा बाणीपति तिवारी, पूर्व प्रधान भ‌इयां कौशलेश कुमार मिश्र, पूर्व अध्यक्ष सलिल तिवारी सहित जनसुनवाई फाउंडेशन (जनपंचायत अभियान) के जनपद प्रभारी अधिवक्ता विवेक सिंह रानू, मेजा विकासखण्ड प्रभारी राजकुमार मिश्र, राष्ट्रीय समन्वयक जयप्रकाश द्विवेदी, राष्ट्रीय संयोजक संजय शेखर मिश्र व अन्य सभी कार्यकर्ताओं ने नवनियुक्त निदेशक कमला देवी, जगदीश, शिवकुमारी, चन्द्रमा पटेल, पूनम दिनेश पाण्डेय, सुरेश पाल, सहित अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। 

जनसुनवाई फाउंडेशन के राज्य प्रभारी अधिवक्ता कमलेश मिश्र ने कहा कि जगनायक मिश्र की यह चुनावी जीत इस बात का संकेत है कि व्यक्ति और समाज अब अपने सकारात्मक, संतुलित व समेकित विकास के प्रभावी साधनों, उपायों और उपचारों का विकल्प चाह रहा है। हमारा प्रयास ऐसे विकल्पों की उपलब्धता को सुनिश्चित करना होगा और क्षेत्रीय जनता हमसे इसकी तीव्र अपेक्षा रखने लगी है। विगत पंचायत चुनावों में क्षेत्र की दो दर्जन से अधिक पंचायतों में ग्रामीण जन ने हमारे कार्यकर्ताओं को प्रधान पद पर आसीन किया। किंतु जनता का दायित्व यहीं पर समाप्त नहीं हो जाना चाहिए, वरन चुने गए प्रतिनिधि पर विकास के लिए हरसंभव दबाव बनाए रखना अत्यंत अनिवार्य है। तभी हम सिस्टम में व्याप्त जड़ता को तोड़ सकेंगे और अपने जनप्रतिनिधि को भ्रष्ट तंत्र से लड़ने की ताकत दे सकेंगे।

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