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नारी का सबसे पवित्र रूप मां है - पप्पू यादव

 जूनियर चैंबर इंटरनेशनल संस्था ने महिलाओं को किया जागरूक


मेजा,प्रयागराज।(राजेश गौड़/हरिश्चंद्र त्रिपाठी)

 प्रसिद्ध स्मृतिकार मनु का कहना है-‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता’। जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं, किंतु वास्तविकता इसके विपरीत है। इसे ‘अबला’ कहना, गर्भ में पलते कन्या भ्रूण की हत्या कर देना, चौका-पानी तक ही इसकी क्षमता को सीमित करके आंकना, इसका अपमान नहीं तो और क्या है। आज भी इसे ‘भोग की वस्तु’ समझकर प्रत्येक तबके का व्यक्ति ‘अपने तरीके’ से इसका इस्तेमाल’ कर रहा है। बढ़ते बलात्कार का यही कारण है।उक्त बातें नगर पंचायत सिरसा के चेयरमैन श्यामकृष्ण पप्पू यादव ने सिरसा में आयोजित जूनियर चैंबर इंटरनेशनल संस्था की तरफ से नारी सशक्तिकरण पर एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए।उन्होंने कहा कि नारी का सबसे पवित्र रूप’मां’ है-माता यानी जननी। मां को ईश्वर से भी बढ़कर माना गया है, क्योंकि ईश्वर की जन्मदात्री भी नारी ही रही है। मां देवकी श्रीकृष्ण की तथा मां पार्वती गणपति और कार्तिकेय की माता थीं। राम से पहले सीता, कृष्ण से पहले राधा, विष्णु से पहले लक्ष्मी लिखना या बोलना स्त्री की गरिमा को ही तो बताता है।

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किंतु बदलते समय ने मां के महत्त्व को भी मानो खो दिया है। यह चिंताजनक बात है।  विशिष्ट अतिथि चौकी इंचार्ज सिरसा जगदीश कुमार नेसंबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं को सम्मान हमेशा देने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि महिलाएं हमेशा ही घर और समाज दोनो को सही मार्ग पर ले जाती हैं। संस्था की सदस्य पूजा गुप्ता ने उपस्थित लोगो को बताया कि हम सभी को महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। हमारी संस्था द्वारा कई योजनाएं संचालित की जाती है जैसे गरीब बच्चो की पढ़ाई, वृद्धा आश्रम,स्वास्थ्य कैंप, अनाथ आश्रम मुख्य है। भविष्य में इन योजनाओं को मेजा क्षेत्र में भी संचालित करने का प्रयास किया जायेगा। आयोजक सीताराम गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया।  इस मौके पर भारी संख्या में स्थानीय महिलाएं उपस्थित रहीं।

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