प्रयागराज (राजेश शुक्ला/राजेश सिंह)। उमेश पाल हत्याकांड में साजिश और प्लानिंग की परत दर परत उधेड़ने में जुटी कई पुलिस टीम अब उन लोगों को पकड़ रही है जो किसी न किसी तरह से मददगार रहे हैं। पुलिस और एसओजी ऐसे लोगों का पता लगाकर उठा रही और उनसे पूछताछ की जा रही है।
पुलिस टीम ने गुरुवार भोर में गंगानगर इलाके में छापेमारी की। खासतौर पर नवाबगंज में कई जगह दबिश दी गई। मुबारकपुर गांव से दो लोगों को उठाया गया है जिन्हें जेल में बंद ब्लाक प्रमुख मुजफ्फर का गुर्गा बताया जा रहा है। इसके साथ ही कौड़िहार से मोबाइल फोन और सिम बेचने वाले को पकड़ा गया है।
उमेश पाल हत्याकांड की जांच में पता चला है कि शूटआउट से पहले असद और उसकी मां शाइस्ता परवीन ने 16 फोन और नए सिम शूटरों को दिए थे। शूटर सिम बदल-बदल इस्तेमाल करते रहे। एसटीएफ सिम विक्रेता को तलाश रही है। इसी बीच पुलिस और एसओजी ने नवाबगंज के कौड़िहार में छापा मारकर सिम तथा मोबाइल बेचने वाले एक शख्स को उसके घर से उठा लिया। उसे गोपनीय जगह पर रखकर पूछताछ की जा रही है।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसकी दुकान से खरीदे सिम ही उमेश हत्याकांड में इस्तेमाल हुए लेकिन यह जरूर बताया जा रहा है कि अतीक गिरोह के कई लोगों को उसने सिम बेचे थे। एक सिम ऐसा बताया जा रहा है जो उसके मोबाइल में भी लगा था और फिर अतीक गिरोह को पहुंचा दिया गया था। इसके साथ ही मुबारकपुर गांव से पुलिस ने दो आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को पकड़ लिया।
इनका भी उमेश पाल हत्याकांड के शूटरों से कनेक्शन बताया जा रहा है। और ये जेल में बंद ब्लाक प्रमुख कौड़िहार मुजफ्फर से जुड़़े हैं। ऐसे में पता किया जा रहा है कि क्या अतीक के पुराने आदमी मुजफ्फर ने हत्याकांड में जेल में रहते कुछ सहयोग किया था। अतीक गिरोह का नवाबगंज में खासा दबदबा रहा है। चफरी समेत कई कछारी गांव में अतीक के शूटर आकर ठहरते रहे हैं।