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प्रयागराज: पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सैकड़ों कार्यकत्रियों ने किया धरना प्रदर्शन

SV News

धरना प्रदर्शन को मिला लगभग सैकड़ों संगठनों का समर्थन

प्रयागराज (राजेश सिंह)। पुरानी पेंशन योजना बहाली को लेकर संयुक्त मंच ने विशाल धरना प्रदर्शन किया। इस धरने में उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ, उत्तर प्रदेश लेखा अभिलेखा परीक्षा संघ, मध्यम प्रसार अधिकारी संघ, चकबंदी लेखपाल संघ, राजस्व लेखपाल संघ, अमीन संघ, पीडब्ल्यूडी संघ, रेलवे सहित 93 संगठनों ने अपना समर्थन दिया। इस मौके पर आंगनबाड़ी संघ से भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। गिरिजाघर धरना स्थल पर हजारों की संख्या में लोग इस प्रदर्शन में शामिल हुए। वहीं एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में जिलाधिकारी को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। वहीं इस कार्यक्रम का संचालन विनोद पांडेय ने किया।

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अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संघ परिषद राग विराग बोले कि पहली बार हम लोगों ने केंद्रीय कर्मचारियों रेलवे मेंस यूनियन कर्मचारी से मिलकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने पुरानी पेंशन बहाली मंच बनाया है। आज धरना स्थल मुख्यालय में हम लोग धरना दे रहे हैं। इसी तरह आगे हम लोगों को कई चरणों में कार्यक्रम करना है। इसके आगे और भी कार्यक्रम है जो चरणबद्ध तरीके से होते रहेंगे। कहा कि हमारे इस धरने में उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ, उत्तर प्रदेश लेखा अभिलेखा परीक्षा संघ, मध्यम प्रसार अधिकारी संघ, चकबंदी लेखपाल संघ, राजस्व लेखपाल संघ, अमीन संघ, पीडब्ल्यूडी संघ सहित 93 संगठनों ने रेलवे सहित समर्थन दिया है और हमारे साथ इस बैनर में मौजूद हैं। उन्होंने आगे कहा कि अब हम लोग पुरानी पेंशन बहाल कराने के लिए राष्ट्रीय आंदोलन कर रहे हैं। हमारा केंद्रीय कर्मचारियों के साथ राष्ट्रीय आंदोलन है, जो राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। इसके आगे हम लोग 21 मई को मशाल जुलूस, उसके बाद लखनऊ रैली और दिल्ली में रैली कर, संसद भवन में मार्च करेंगे। यह सब हमारा आगे का कार्यक्रम है। हम लोग पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संकल्पित हैं। आगे कहा कि यदि हम लोगों की बात यदि नहीं सुनी जाती तो हम लोग अनिश्चित कालीन स्ट्राइक के लिए भी तैयार हैं।
वहीं, आंगनवाड़ी अध्यक्ष सुशीला पांडे बोली कि एक तरफ तो आप बोलते हो कि महिलाएं यशोदा मां है, लेकिन क्या यशोदा मां के अपने बच्चे नहीं हैं। कन्हैया का लालन-पालन वह कैसे करेंगे, जब जेब खाली रहती हैं तो कन्हैया का लालन-पालन कैसे करते हैं। यशोदा मां को धन की आवश्यकता नहीं है? नंद बाबा के घर में गायें न होती तो वह माखन कहां से खिलातीं। अपने कन्हैया का वह लाड प्यार कैसे करते हैं और खाली पेट तो किसी से कोई काम नहीं होता तो आंगनबाड़ी से ही कैसे होगा। उन्होंने कहा कि उम्मीद कैसे करते हैं कि हमारा स्वस्थ भारत रहे, सुपोषण माह मनाइए सुपोषण पखवाड़ा मनाइए, अरे कभी हम लोगों के भी सुपोषण का ध्यान दीजिए योगी महाराज। हम लोग आपके सामने कटोरा लेकर बैठे हैं आप तो अपना तुम्मा गोरखपुर में रखकर कुर्सी में बैठकर 56 भोग मार रहे हो और हम लोगों के हाथों में कटोरा पकड़ा दिया क्या यही आप की नीति है।

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