प्रयागराज (राजेश सिंह)। जिला न्यायालय ने सैम हिग्गिन बाटम यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर टेक्नोलाजी एंड साइंसेज (शुआट्स) में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती मामले के आरोपित प्रोफेसर डा. आरबी लाल, प्रोफेसर डा. जेए ओलीवर, प्रोफेसर डा. एके ए लारेंस ,प्रोफेसर डा. एसबी लाल, विनोद बी लाल, प्रोफेसर डा. स्टीफन दास, प्रोफेसर डा. मोहम्मद इम्तियाज, प्रोफेसर डा. रंजन जान की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। न्यायालय ने कहा कि याचियों को अगर जमानत पर रिहा किया गया तो वे विवेचना में हस्तक्षेप कर सकते हैं। लिहाजा, जमानत अर्जी निरस्त किए जाने योग्य है।
जिला जज संतोष राय ने आरोपितों के अधिवक्ताओं और जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाब चंद्र अग्रहरि के तर्कों को सुनने के बाद जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया। वादी मुकदमा पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ नवेंदु कुमार ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि कुलपति एवं उनके सहयोगियों ने मिलकर 1984 से 2017 तक शिक्षकों के 69 पद पर नियुक्ति अवैध एवं नियम विरुद्ध तरीके से की है। इन लोगों ने राजकीय धन का अपराधिक दुरुपयोग किया है।
अभियोजन ने अदालत को बताया कि वर्ष 1984 से वर्ष 2017 के बीच कुल 69 प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर पदों की नियुक्ति नियमों की अनदेखी कर की गई है। निर्धारित भर्ती प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया है। आरोपितों का आपराधिक इतिहास है। दिवाकर त्रिपाठी की शिकायत पर शासन ने एसटीएफ को जांच सौंपी थी। जांच के बाद एसटीएफ के डीएसपी ने नैनी थाने में नामजद एफआइआर दर्ज कराई थी।