मेजा, प्रयागराज (श्रीकान्त यादव/विमल पाण्डेय)। कार्य के मामले में अभी तक आपने स्थानीय अफसरों समेत कर्मचारियों की लापरवाही सुना होगा। लेकिन मेजा में बड़े अधिकारी की घोर लापरवाही का एक मामला सामने आया है। जिससे किसान भी भड़क उठे हैं। मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बनकर रह गया है।
दरअसल, मेजा के जेवनिया गांव में भारत सरकार द्वारा किसानों को निःशुल्क सिंचाई मुहैया कराने के लिए नलकूप संख्या 52 एम की स्थापना कराई गई है। संचालन के दौरान गांव के किसानों को सिचाई के लिए आसानी से पानी भी मिला करता था। लेकिन उक्त नलकूप बीते आठ वर्षों से बंद पड़ा है। ऑपरेटर का दूर दूर तक कोई हता पता नहीं है। जब इसकी गांव के ही दीपक कुमार,रामसागर सहित किसानों द्वारा बीते 11 अप्रैल को मुख्यमंत्री पोर्टल पर मरम्मतीकरण के लिए शिकायत की गई। जिसकी सम्बंधित अधिकारियों से आख्या मांगी गई। लेकिन चौकाने वाली बात यह है कि अभी तक स्थानीय अधिकारियों सहित कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिलती थी। लेकिन अब बड़े एवम जिम्मेदार अधिकारी की लापरवाही हर किसी मे चर्चा का विषय बनकर रह गई है।
हुआ यूं कि मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई शिकायत को लेकर नलकुप खण्ड तृतीय के एक्सईएन द्वारा बिना मौके का स्थलीय निरीक्षण के ही नलकूप संख्या 52 एम को सिंचाईरत दिखाकर रिपोर्ट भेज दी गई। इसकी जानकारी पर क्षेत्र के सभी किसान भड़क उठे हैं।
बता दें की उक्त नलकूप पर नियुक्त ऑपरेटर कई वर्षों से लापता है। जिसके चलते नलकूप की समस्या का निस्तारण नहीं होने से किसानों को 80 से 100 रुपये प्रति घण्टे प्राइवेट नलकूपों से सिचाई की जा रही है। शिकायत पर बिना जांच एवम स्थलीय निरीक्षण के शीर्ष एवम जिम्मेदार अधिकारियों का रिपोर्ट प्रेषित करना किसानों सहित आम जनमानस में चर्चा का विषय बनकर रह गया है।