जवाली, पाली (अजय कुमार जैन)। रानी उपखंड के ग्राम पंचायत जवाली में चामुंडा माता मंदिर प्रांगण में धर्म रक्षा समिति व संत महात्माओं के सानिध्य में महाराणा प्रताप जन्मोत्सव एवं छत्रपति शिवाजी महाराज राज्यभिषेक दिवस (हिंदू साम्राज्य दिवस) के उपलक्ष में विशाल धर्म सभा का आयोजन हुआ संत महात्माओं में बाड़मेर कनाना मठाधीश परशुराम गिरिजी महाराज, कृष्ण भक्त गुड़ा मांगलिया मामाजी धाम गादीपति महेंद्र सिंह राणावत, आईमाता धाम नारलाई सदगुरु देव भंवर महाराज, महंत श्री तीर्थ गिरिजि महाराज सिरोही, महंत रामाख्यादासजी गुंदोज, रमेश दासजी रोहट, आनंद भारतीजी जवाली (मुक्तेश्वर हनुमानजी मंदिर) व सीता राम महाराज । कार्यक्रम का शुभारंभ रामचंद्र रावल (धर्म जागरण जोधपुर प्रांत संयोजक) ने भारत भूमि विभाजन विभीषिका का विस्तार से विवेचना करते हुए किए तीर्थ गिरिजी ने प्रवचन में डॉ. भीमराव अंबेडकर (सविधान निर्माता प्रारूप समिति के अध्यक्ष) को याद करते हुए उनके द्वारा बताई गई भारत भूमि को खंडन की 03 मशीनरी ईसाई, इस्लाम, कम्युनिस्ट इनके षड्यंत्रों के बारे में बताते हुए समय समय पर जाग्रत करने वाले महापुरुषों को याद किया। उसी प्रकार मठाधीश परशुराम गिरिजी ने हिंदू बटेगा तो महापुरुष , संत नहीं बोलेगा हो कोन बोलेगा, सभी जातियों को साथ रखकर एक जाजम पर बैठकर सनातन धर्म के हित की बाते करते हुए कहा की जाती का अभिमान रखो कोई बात नही लेकिन हिंदू होने का स्वाभिमान जीवित रहना चाहिए तभी सनातन हिन्दू संस्कृति, जगत जननी गौ माता बच पाएगी । मठाधीश ने भगवान श्री राम, शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप, बाबा रामदेव , जगतगुरु शंकराचार्य , स्वामी दयानंद सरस्वती , स्वामी विवेकानंद सरस्वती ऐसे अनेकों उदाहरण बताए की जब उन महान मां भारती के सपूतो ने कभी जातिवाद, छुआछूत नही किया । जातिवाद, छुआछूत , धर्मांतरण हमारे संत समाज के ह्रदय की पीड़ा बन चुका है इसलिए हमे मठों से बाहर आकर हिंदू समाज को जागृत करने के लिए जन आंदोलन करना पड़ रहा है । संपूर्ण विशाल धर्म सभा का मंच के माध्यम से संचालन जगाराम घांची (अध्यापक) ने किया।
इस मौके पर सरपंच जुगराज जैन, पूर्व उपप्रधान दलाराम ,पूर्व पंचायत समिति सदस्या सुमित्रा राजपुरोहित, आईजी संस्थान अध्यक्ष नेमीचंद , उपसरपंच महेंद्र सिंह , सुमेरसिंह , ओमप्रकाश, सुरेंद्रसिंह , अमर सिंह, नरपत घांची (रानी खंड गौ सेवा प्रमुख) अशोक सिंह , मुकेश परिहार , गणाराम चौधरी , तखतसिंह , मूलसिंह कुंपावत , केवल चन्द , इंद्र सिंह खिंवाड़ा (संस्कृति सरक्षण संस्थान) राजीव , सोहन सफेरा , रूपेश कुमार , रामलाल मेगवाल , मोहन मेगवाल , उत्तमचन्द गांधी , पूनम सिंह , वरुण गोतम , जयवर्धन रांकावत , किशन सिंह खींची , भोपाल सिंह नाडोल , मोहन लाल नाडोल, भूराराम नाडोल, श्रवण सिंह नादाना सरपंच , नारायण नाडोल, हितेश सोनी, विनोद दादाई , शंकर सिंह , जगदीश कुमार, पिरा राम देवासी, नरेश सिंह राजपुरोहित , गणपत रावल, मोहन देवासी व सेकडो की संख्या में आस पास के ग्रामों से मातृ शक्ति भी उपस्थित रही ।