वकीलों के विरोध पर एडीएम वित्त ने सम्पूर्ण समाधान दिवस की कार्यवाही से तहसीलदार को हटाया
मेजा, प्रयागराज। (हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
शनिवार को मेजा तहसील प्रांगण में चल रहे संपूर्ण समाधान दिवस पर फरियादियों की भीड़ रही, लोग अपनी फरियाद को लेकर पहुंचे थे और अधिकारी शिकायतों का निस्तारण कर रहे थे।उसी दौरान बार के अध्यक्ष महेंद्र कुमार द्विवेदी के नेतृत्व में अधिवक्ता लामबंद होकर तहसीलदार को हटाने की मांग को लेकर एडीएम वित्त को ज्ञापन देने पहुंचे।तहसीलदार को देख वकील भड़क उठे और वकीलों का हुजूम तहसीलदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए उनके बैठने तक कार्य को ठप्प करा दिया। वकीलों का कहना था कि सम्पूर्ण समाधान दिवस से तहसीलदार विशाल शर्मा को हटाया जाए तभी संपूर्ण समाधान दिवस की कार्यवाही चलने दिया जायेगा। आरोप है कि तहसीलदार बगैर सुविधा शुल्क के लिए कोई भी काम नहीं करते, तहसीलदार मेजा द्वारा अपंजीकृत वसीयत के अधार पर दायरा लेकर वरासत को स्टे कर देता है तथा पक्षकार से बड़े पैमाने पर रिश्वत लेता है। साधारण दाखील खारिज में दो हजार रूपया प्रति फाईल तथा दान पत्र में प्रति फाइल पाँच हजार रूपया लेने के बाद ही नामान्तरण की कार्यवाही करते है । तहसीलदार मेजा उ0प्र0 सरकार की भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीरो टालरेन्स नीति की बखिया उधेड़ रहा है, खुले आम तहसील मेजा में वादकारियों एवं अधिवक्ताओं से दोनों हॉथ लूट रहा है। कई बार शिकायत करने के बावजूद जिलाधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही नही किया जा रहा है। मजबूर होकर बारएसोसिएशन मेजा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करके काले कारनामों की जाँच कराने हेतु बाध्य होगा। तहसीलदार मेजा द्वारा सरकारी नीतियों एवं कार्यक्रमों की घोर अवहेलना कर रहा है।
वकीलों ने पूर्व में कोरांव और बारा में नियुक्ति के दौरान वकीलों द्वारा किए विरोध का भी हवाला दिया।पूर्व में भी अधिवक्ताओं ने तहसीलदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया था।इस सबंध में बार और बेंच के बीच कई दौर की सामंजस्य बैठक हुई,लेकिन नतीजा सिफर रहा। आज एक बार फिर लामबंद होते हुए अधिवक्ताओं ने जमकर हंगामा करते हुए तहसीलदार चोर है के नारे लगाते हुए कार्य को ठप्प करा दिया। अंततः तहसीलदार विशाल शर्मा को सम्पूर्ण समाधान दिवस से जाना पड़ा।उसके बाद कार्यवाही सुचारू रूप से चली। अधिवक्ताओं की मांग है कि ऐसे घूसखोर तहसीलदार को यहां से हटाया जाए।